India | Reported by: भाषा |बुधवार मई 5, 2021 06:18 PM IST शहर के अतरसुइया इलाके के निवासी मोहम्मद रफीक उर्फ फैजुल ने बताया, “इस महामारी में मैंने एक दिन में 10-12 शवों को घाट तक पहुंचाया है. शव चाहे लावारिस हो या किसी गरीब का हो, परिजन के पास पैसा हो या ना हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.मैं अपने काम में लगा हूं.”