'मजदूर परिवार'
- 53 न्यूज़ रिजल्ट्स India | Reported by: हरिबंश शर्मा, Edited by: नवीन कुमार |गुरुवार मई 28, 2020 09:32 PM IST असलम अंसारी की कहानी भी मिलती जुलती है. वे अपने चार बच्चे और पत्नी के साथ रहता था. पत्नी घर का काम देखती थी और असलम मुंबई में कपडा सिलाई का काम करता था. लॉकडाउन में कपड़े कौन सिलवाता. लिहाज़ा ये भी संघर्ष करते रहे लेकिन घर वापसी का कोई चारा नही मिला. जैसे तैसे दिन कटे आखिरकार कहीं नेट से इनहे रांची वापस आने के लिए कुछ सामाजिक संस्था द्वारा फ्लाइट के इंतज़ाम करने की ख़बर मिली. मौका गवाएं बिना इन्होंने संपर्क किया और अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ रांची पहुंच गए. गिरिडीह में इनका भरा पूरा परिवार है.
India | Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, Edited by: अल्केश कुशवाहा |बुधवार मई 27, 2020 10:53 AM IST दिल्ली के बख्तावरपुर के पास तिगीपुर गांव के किसान पप्पन सिंह गहलोत मशरूम की खेती करते हैं और इनके यहां पिछले 27 सालों से बिहार से कुछ मजदूर काम करने के लिए आते हैं और सीजन के बाद वापस चले जाते हैं. इस बार भी 10 लोग इस परिवार से यहां पर आए हुए थे, उसी दौरान लॉकडाउन लागू हो गया. अभी खुंबी का सीजन भी खत्म हो गया इसलिए इन लोगों को घर वापस जाना था. पप्पन सिंह गहलोत ने कहा कि वह इन लोगों को घर से एयरपोर्ट तक खुद अपनी कार से छोड़ने जाएंगे और उसके बाद सभी के फ्लाइट के टिकट भी पप्पन सिंह गहलोत ने अपने खर्च पर बुक करवाए हैं.
India | Reported by: भाषा |मंगलवार मई 19, 2020 08:37 PM IST कुछ मजदूरों ने आरोप लगाया कि चार व्यक्तियों के परिवार को केवल दो किलो गेंहू मिल रहा है और सवाल किया कि ऐसे में वे कैसे गुजारा करें. सुशील कुमार नामक कामगार ने कहा, ‘हम घर जाना चाहते हैं. हम यहां तक कि घर पैदल जाने को तैयार हैं.’ कामगारों के इन समूहों को पुलिस ने रोका और पूछताछ के बाद शिविरों में वापस भेज दिया.
India | Reported by: मनीष कुमार, Edited by: सूर्यकांत पाठक |रविवार मई 17, 2020 07:03 PM IST Coronavirus Lockdown: मुश्किल सफर, बढ़ती चुनौतियां... छलकी मजदूरों की बेबसी. लॉकडाउन से दिहाड़ी मजदूरी करने वालों पर आफत टूट पड़ी है. हर रोज कमाने और खाने वाली इस बिरादरी के पास खाने को कुछ नहीं है. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और यूपी के हजारों मजदूरों के परिवार पैदल ही लगातार पलायन कर रहे हैं. कोरोना का खतरा होने के बावजूद यह परिवार झुंड में पैदल एक हजार किलोमीटर दूरी तय करके हर रोज बिहार पहुंच रहे हैं. यहां यूपी-बिहार की सीमा गोपालगंज के जलालपुर स्टेशन के पास प्रवासी मजदूरों की परेशानी उनका पीछा नहीं छोड़ रही हैं.
Lifestyle | Written by: मेघा शर्मा |रविवार मई 17, 2020 01:16 PM IST इस वीडियो में एक शख्स ने परिवार के साथ अपने घर पहुंचने के लिए बाइक के साथ एक झूले को जोड़ दिया है. दरअसल, वीडियो को मारिको के चेयरमैन हर्ष मारीवाला ने शेयर किया है.
India | Reported by: रवीश रंजन शुक्ला |शुक्रवार मई 15, 2020 08:01 AM IST सरकार के तमाम दावों के उलट लोग पैदल, साइकिल और रिक्शों से सैकड़ों मीलों का सफर पैदल पूरा करने निकले हुए हैं. इसी कड़ी में गुड़गांव से बिहार का सफर पूरा करने निकले अजीत भी नजर आए. जोकि पैडल वाले रिक्शा से हजारों किलोमीटर का सफर परिवार के साथ पूरा करने निकले हैं. उन्होंने NDTV को बताया कि वो गुड़गांव से बिहार के भागलपुर जा रहे हैं. सरकार द्वारा चलाई जा रही ट्रेनों के लिए रजिस्ट्रेशन भी करवाए थे लेकिन जब पुलिस के पास गए तो उन्हें भगा दिया गया लिहाजा उन्होंने तय किया कि वह अपने रिक्शे से इस सफऱ को पूरा करेंगे. गुड़गांव से चले अजीत को नहीं पता कि वह कब तक भागलपुर पहुंचेंगे.
India | Reported by: मनीष कुमार, Edited by: सचिन झा शेखर |शुक्रवार मई 15, 2020 01:21 AM IST इस हादसे में किसी परिवार ने पिता-पुत्र खोया, तो किसी का सुहाग उजड़ गया. हर तरफ चीख-पुकार मची है. हादसे में जान गंवानेवाले प्रवासी मजदूर ऐसे परिवार के रहनेवाले हैं, जिनके यहां दो वक्त के खाने को भी लाले पड़े रहते हैं. कर्ज चुकाने के लिए तो कोई बीमार पत्नी की इलाज कराने के लिए कमाने अपनी गांव की मिट्टी को छोड़कर मीलो दूर हरियाणा के यमुनानगर में प्लाइ फैक्ट्री में काम करने के लिए निकले थे.
India | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: आनंद नायक |मंगलवार मई 12, 2020 09:39 PM IST सबसे ज्यादा परेशानी उन प्रवासी मजदूरों को हो रही है जिनकी रोजीरोटी इस महामारी ने छीन ली है. लगभग रोज कमाकर अपना जीवन यापन करने वाले प्रवासी मजदूर काम की तलाश में महानगरों में पहुंचे थे लेकिन काम न होने के कारण अब बदहाल स्थिति में घर लौटने को मजबूर हैं. इनमें से कई तो तंगहाली के चलते परिवार के साथ पैदल ही लौट रहे हैं.
India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र |मंगलवार मई 12, 2020 12:33 AM IST लॉकडाउन से राहत के बाद उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में श्रम कानूनों में अहम बदलाव के सवाल पर संघ परिवार में अंदरूनी मतभेद सामने आ गया है.
India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: राहुल सिंह |सोमवार मई 11, 2020 11:43 AM IST भारतीय मजदूर संघ के महासचिव विरजेश उपाध्याय ने NDTV से कहा, "हम राज्य सरकारों की इस पहल के सख्त खिलाफ हैं. बीएमएस नेताओं ने श्रम कानून में बदलाव करने के राज्य सरकारों के फैसले की समीक्षा की है. हम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत हर राज्य सरकार से ये पूछना चाहते हैं कि अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने में मौजूदा श्रम कानून कैसे रोड़ा बन रहे हैं? हम किसी भी हालत में श्रमिकों के अधिकारों को स्थगित करने के फैसले के सख्त खिलाफ हैं."
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