'पानी पर राजनीति'

- 30 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: जे. सैम डेनियल स्टालिन, Edited by: पीयूष |बुधवार अप्रैल 10, 2024 03:10 PM IST
    पीएम मोदी ने तमिलनाडु के मेट्टुपालयम में कहा कि एनडीए ने करोड़ों लोगों को घर, बिजली और पानी दिया है. वहीं विरासती परिवार की राजनीति करने वाले केवल अपने को परिवार चाहते हैं.
  • India | Reported by: अखिलेश शर्मा, Written by: अंजलि कर्मकार |गुरुवार जुलाई 13, 2023 07:24 PM IST
    केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “दिल्ली सरकार को यह समझना होगा कि हथिनी कुंड एक बैराज है, न कि कोई बांध, जल प्रवाह रोकने की इसकी अपनी एक क्षमता है, जिसका हम पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं.”
  • India | Edited by: वंदना |गुरुवार दिसम्बर 8, 2022 03:10 PM IST
    Gujarat Election Results: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने गुजरात की जीत पर कहा कि गुजरात ने ‘रेवड़ी', तुष्टीकरण और खोखले वादों की राजनीति को खारिज कर भाजपा को अभूतपू्र्व जनादेश दिया है. 
  • India | Edited by: पंकज सोनी |गुरुवार जून 30, 2022 05:29 PM IST
    महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति ने बड़ी करवट ली है. सारे राजनीतिज्ञों के अनुमानों पर पानी फेरते हुए देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकार वार्ता में ऐलान कर दिया कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) होंगे और बीजेपी (BJP) उनका सहयोग करेगी.
  • India | Reported by: शरद शर्मा, Edited by: राहुल चौहान |शुक्रवार अप्रैल 22, 2022 12:53 AM IST
    डॉ. सन्नी सिंह आहलूवालिया ने कहा कि, ‘‘पंजाब की जनता ने जिन विरोधी पार्टियों और उनके नेताओं को नकार दिया है, वे जानबूझ कर पानी के मुद्दे पर ओछी राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं.
  • India | Reported by: भाषा |रविवार जुलाई 11, 2021 08:25 AM IST
    AAP दिल्ली में रोजाना 90 करोड़ गैलन पानी का इस्तेमाल होता है. इसमें से हरियाणा (Haryana) सरकार ने प्रतिदिन करीब 10 करोड़ गैलन पानी की आपूर्ति में कमी कर दी है. भाजपा की इस गंदी राजनीति से दिल्ली के 20 लाख लोगों को पानी की दिक्कत हो रही है.
  • Blogs | मनीष कुमार |शुक्रवार मई 7, 2021 09:35 PM IST
    प्रशांत किशोर जिन्हें लोग PK के नाम से अधिक जानते या बुलाते हैं, ने बंगाल की जीत के बाद घोषणा कर दी है कि वे अब अपने वर्तमान काम को जारी नहीं रखना चाहते. लेकिन पीके के घोर विरोधी, जिनकी संख्या उनके चाहने वालों से कहीं अधिक हैं, की इस बात पर यही प्रतिक्रिया होती हैं कि आप पानी से मछली निकाल सकते हैं लेकिन राजनीति से प्रशांत का फ़ोकस शायद ख़त्म होने वाला नहीं.
  • India | Written by: सचिन झा शेखर |शनिवार मार्च 28, 2020 11:54 PM IST
    दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बीजेपी पर हमला बोला है. सिसोदिया ने कहा है, "मुझे बहुत दुःख है कि कोरोना महामारी के बीच बीजेपी नेता टुच्ची राजनीति पर उतर आए है. योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल ने बिजली पानी काट दिया इसलिए लोग दिल्ली से जा रहे हैं.  यह गम्भीरता से एक होकर देश को, बचाने का समय है, घटिया राजनीति का नहीं."
  • Bihar | Reported by: मनीष कुमार, Edited by: प्रवीण प्रसाद सिंह |रविवार मार्च 1, 2020 05:58 PM IST
    बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सुप्रीमो नीतीश कुमार ने रविवार को अपने कार्यकर्ताओं को साफ़ कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में लोकसभा की तरह पार्टी 200 से अधिक सीटें जीतेगी. नीतीश पटना के गांधी मैदान में रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे. इस सम्मेलन में नीतीश कुमार क़रीब डेढ़ घंटे से अधिक बोले. जेडीयू ने इस सम्‍मेलन के जरिए रविवार को अपने विधानसभा चुनाव प्रचार की विधिवत शुरुआत की. नीतीश ने पटना के गांधी मैदान में आयोजित इस सभा में इस साल होने वाले विधान सभाचुनाव 200 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया और वादा किया कि अब अगर सत्ता में वापस आएंगे तो हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाएंगे. नीतीश ने अपने भाषण में पिछले 15 वर्षों के दौरान काम काज जा लेखा जोखा दिया और पूरे देश में नए नागरिक क़ानून से लेकर एनपीआर पर भी साफ़ किया कि ये किस फॉर्मेट में लागू होना चाहिए. लेकिन उन्होंने अल्पसंख्यक समाज के लोगों से नागरिक क़ानून के बारे में सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसले का इंतज़ार करने की अपील की और कहा कि अल्पसंख्यक समाज की उपेक्षा या अन्याय बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. नीतीश के रुख़ से लगा कि वी सत्ता में वापसी को लेकर आश्‍वस्‍त हैं.
  • Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार फ़रवरी 6, 2020 01:32 AM IST
    90 के दशक के आखिरी हिस्से से अचानक भारत की राजनीति को बिजली सड़क पानी के मुद्दे से पहचाना जाने लगा. इससे बिजली और सड़क का कुछ भला तो हुआ लेकिन पानी पीछे छूट गया. शिक्षा और स्वास्थ्य का तो नंबर ही नहीं आया. दिल्ली विधानसभा का चुनाव शायद पहला चुनाव है जिसमें शिक्षा का सवाल केंद्र में आते आते रह गया. बेशक दिल्ली का चुनाव स्कूल से शुरू होता है लेकिन शाहीन बाग को पाकिस्तान, गद्दार और आतंकवाद से जोड़ने की सियासी आंधी के कारण पिछड़ता जा रहा है. हिन्दी प्रदेशों के लिए जिनमें से दिल्ली शिक्षा का आखिरी पड़ाव है, यह मुद्दा नई राजनीति को जन्म दे सकता है या दे सकता था. बिहार यूपी और अन्य हिन्दी प्रदेशों से शिक्षा के कारण भी लाखों लोगों का पलायन हुआ है. लोगों ने खराब स्कूलों और कॉलेज की कीमत इतनी चुकाई है कि वे बच्चों को पढ़ाने के लिए शहर बदलने लगे और ट्यूशन और कोचिंग का खर्चा उनकी ज़िंदगी की जमा पूंजी निगल गया. स्कूल अगर राजनीति के केंद्र में आता है तो यह मसला दिल्ली सहित हिन्दी प्रदेशों की राजनीति बदल देगा.
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