'निचली अदालतें'

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  • Blogs | विराग गुप्ता |गुरुवार जून 13, 2019 03:04 PM IST
    गिरफ्तार लोगों में से अधिकांश को निचली अदालतें जेल भेज देती हैं, क्योंकि सभी लोग तो सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकते. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद CJM कोर्ट ने 20,000 रुपये की दो ज़मानतों और बंधपत्र दाखिल करने पर पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा कर दिया. प्रियंका शर्मा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आपत्तिजनक मीम बनाया, जिन्हें माफी की शर्त पर सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई दी. दोनों ही मामलों में पुलिस की गलत FIR और बेजा गिरफ्तारी के बावजूद, निचली अदालतों ने रिमांड आदेश पारित कर दिया था. पुलिस और निचली अदालतों के इस गैर-ज़िम्मेदार सिस्टम पर, सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्ती नहीं बरतने से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं.
  • India | Reported by: भाषा |बुधवार अक्टूबर 12, 2016 06:51 PM IST
    राजस्थान और ओडिशा में निचली अदालतें मामलों में 12 और 51 के बीच स्थगन देती हैं. हालांकि दीवानी प्रक्रिया संहिता के तहत इसकी अधिकतम अनुमति तीन है. इसकी वजह से मुकदमों का निपटारा करने में काफी विलंब होता है. यह बात विधि मंत्रालय ने कही है.
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