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Democracy And Human Rights

'Democracy And Human Rights' - 2 News Result(s)
  • "लोकतंत्र पर क्या करना है, हमें बताने की जरूरत नहीं", भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा

    "लोकतंत्र पर क्या करना है, हमें बताने की जरूरत नहीं", भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा

    संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित किया. भारत में लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘इस पर मैं यह कहना चाहूंगी कि हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि लोकतंत्र पर क्या करना है.

  • पड़ोसी देशों की बाधा पैदा करने की कोशिश के बावजूद कश्मीर में जमीनी लोकतंत्र पुनर्जीवित : भारत

    पड़ोसी देशों की बाधा पैदा करने की कोशिश के बावजूद कश्मीर में जमीनी लोकतंत्र पुनर्जीवित : भारत

    भारत ने मंगलवार को कहा कि पड़ोसी देश द्वारा जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंकवादियों को घुसपैठ कराने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लगातार कोशिशों के बावजूद उसने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को पुनर्जीवित किया है और यहां सामाजिक और आर्थिक विकास को गति दी है. जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 45वें सत्र में एक बहस के दौरान भारत के स्थायी प्रतिनिधि इंद्रमणि पांडे ने क्षेत्र के बारे में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बेचलेट के बयान पर खेद व्यक्त किया.

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  • "लोकतंत्र पर क्या करना है, हमें बताने की जरूरत नहीं", भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा

    "लोकतंत्र पर क्या करना है, हमें बताने की जरूरत नहीं", भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा

    संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित किया. भारत में लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘इस पर मैं यह कहना चाहूंगी कि हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि लोकतंत्र पर क्या करना है.

  • पड़ोसी देशों की बाधा पैदा करने की कोशिश के बावजूद कश्मीर में जमीनी लोकतंत्र पुनर्जीवित : भारत

    पड़ोसी देशों की बाधा पैदा करने की कोशिश के बावजूद कश्मीर में जमीनी लोकतंत्र पुनर्जीवित : भारत

    भारत ने मंगलवार को कहा कि पड़ोसी देश द्वारा जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंकवादियों को घुसपैठ कराने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लगातार कोशिशों के बावजूद उसने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को पुनर्जीवित किया है और यहां सामाजिक और आर्थिक विकास को गति दी है. जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 45वें सत्र में एक बहस के दौरान भारत के स्थायी प्रतिनिधि इंद्रमणि पांडे ने क्षेत्र के बारे में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बेचलेट के बयान पर खेद व्यक्त किया.

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