Mumbai | Reported by: अनुराग द्वारी |सोमवार अगस्त 22, 2016 11:03 AM IST 'सामना' ने अपने संपादकीय में लिखा है, "सरसंघचालक मोहन भागवत ने पुराने और दकियानूसी विचार को नए रूप में प्रस्तुत किया... दूसरे धर्मों के लोग अगर ज़्यादा बच्चों को जन्म दे सकते हैं, तो हिन्दुओं को किसने रोका है - सरसंघचालक का यह बयान सुसंस्कृत और प्रगतिशील हिन्दू समाज को हज़म नहीं होगा..."