India | Written by: आनंद नायक |रविवार मई 5, 2019 12:32 PM IST मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और बीजेपी की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के बीच हो रहे मुकाबले पर अब पूरे देश की नजर है. शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि प्रज्ञा ठाकुर के उतरने से दिग्विजय सिंह बैकफुट पर आ गए हैं और उन्होंने मीडिया के सामने पूरी तरह से चुप्पी साध ली थी. लेकिन मुंबई हमले में शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे पर बयान देकर प्रज्ञा ठाकुर ने एक तरह से खुद ही अपना नुकसान कर लिया. जेल में हुए कथित अत्याचार की कहानी बताते-बताते उन्होंने कह दिया कि उन्हीं के श्राप की वजह से हेमंत करकरे की मौत हुई है. उनके उस बयान की लोगों ने कड़ी निंदा करनी शुरू कर दी और बीजेपी बैकफुट में आ गई. नतीजा यह हुआ कि पार्टी के बड़े नेताओं ने जाकर प्रज्ञा ठाकुर को समझाया कि क्या बोलना है और क्या नहीं. हालांकि बीजेपी की ओर से उन्हें इस बात की पूरी छूट दी गई कि वह उनके साथ हुए जेल में कथित अत्याचार की कहानी खूब सुनाएं. आपको बता दें कि भोपाल सीट बीजेपी का गढ़ माना जाता है आखिरी चुनाव कांग्रेस ने यहां पर 1984 में जीता था. लेकिन इस बार प्रज्ञा ठाकुर की राह आसान नहीं है और इसकी सिर्फ एक नहीं कई वजहे हैं.