बिग बॉस देश का सबसे लोकप्रिय रियलिटी शो माना जाता है और हर साल लोग सलमान खान को वीकेंड पर देखने का इंतजार करते हैं. सीजन 19 की शुरुआत काफी दमदार रही—तेज झगड़े, ग्रुपिज्म, और कंटेस्टेंट्स की स्ट्रॉन्ग पर्सनैलिटी देखकर लगा था कि यह सीजन रिकॉर्ड तोड़ेगा, लेकिन कुछ ही हफ्तों में शो का मज़ा खत्म होने लगा और टीआरपी लगातार गिरती चली गई। इसके पीछे आखिर वजह क्या रही? आइए समझते हैं.
1. शुरुआत का तड़का जल्दी खत्म हो गया
शुरू में फरहाना भट्ट का एविक्शन, लड़ाई-झगड़े और ग्रुप की राजनीति ने दर्शकों को बांधे रखा। लेकिन तीसरे हफ्ते के बाद कंटेंट रिपीट लगने लगा—वही बनावटी झगड़े, किचन की लड़ाई और पर्सनल कमेंट्स। दर्शकों को लगा कि ये सब पहले भी देख चुके हैं, इसलिए इंटरेस्ट कम हो गया।
2. अनफेयर एविक्शन ने दर्शकों का भरोसा तोड़ा
सबसे ज्यादा गुस्सा लोगों को तब आया जब कुछ कंटेस्टेंट्स को “कम वोट्स” दिखाकर बाहर कर दिया गया, जैसे जीशान कादरी, बसीर अली और अभिषेक बजाज। सोशल मीडिया पर #UnfairEviction लगातार ट्रेंड हुआ और लोगों को लगा कि वोट देने का कोई फायदा ही नहीं।
3. टास्क की कमी से शो बोरिंग हो गया
पहले के सीजन में टास्क ही गेम की जान हुआ करते थे—कैप्टेंसी, राशन, नॉमिनेशन सब टास्क से डिसाइड होते थे। लेकिन इस बार टास्क बहुत कम रखे गए। फैंस को लगा कि मेकर्स कुछ खास कंटेस्टेंट को बचाने के लिए टास्क ही नहीं करवा रहे।
इससे शो में रोमांच और पारदर्शिता दोनों ही कम हो गए।
4. कंटेस्टेंट्स में जीतने की चाह दिखाई नहीं दी
फैंस हमेशा स्ट्रॉन्ग और बोल्ड खिलाड़ी पसंद करते हैं। लेकिन इस बार नीलम गिरी, नगमा मिराजकर, नटालिया जैसे बहुत से कंटेस्टेंट सेफ खेलते दिखे। किसी में भी गौहर खान, रुबीना दिलैक, प्रिंस नरूला जैसा “विनर वाला दम” नहीं दिखा।
5. बड़े नाम उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे
गौरव खन्ना जैसे चेहरे से लोगों को बहुत उम्मीद थी, लेकिन वो पूरे सीजन में शांत और बैकफुट पर रहे। तान्या मित्तल और अशनूर कौर भी अपनी पहचान बनाने में सफल नहीं रहीं। फरहाना भट्ट की शुरुआत दमदार थी, पर बाद में वो भी रिपिटेटिव लगने लगीं।
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