दूरदर्शन की स्थापना 1959 में हुई थी और उसके बाद से ही 1980-90 के दशक तक यह मनोरंजन का प्रमुख साधन भी रहा. दूरदर्शन का अपना एक दौर था. हर चीज का एक टाइम फिक्स था और मनोरंजन का भी अपना ही एक अलग जायका था. मशहूर किताबों और धार्मिक ग्रंथों पर बने सीरियल आते थे. जिनमें असल जीवन की अलग-अलग झांकियां देखने को मिलती थीं. इनमें रामायण, महाभारत से लेकर मालगुडी डेज तक शामिल हैं. इस दौर में मनोरंजन के साधन सीमित थे, और इन धारावाहिकों का असर बहुत ही व्यापक था. आइए एक नजर डालते हैं दूरदर्शन के टॉप 10 यादगार धारावाहिकों पर...
1. हम लोग (1984-85)
कहा जाता है कि 'हम लोग' दूरदर्शन का पहला धारावाहिक था. जिसे पी. कुमार वासुदेव ने डायरेक्ट किया था. यह कहानी एक मध्यमवर्गीय परिवार और उसके संघर्षों की थी.
2. मालुगडी डेज (1986)
आर.के. नारायण की कहानियों पर आधारित 'मालगुडी डेज' को शंकर नाग ने निर्देशित किया था. यह सीरियल भी दूरदर्शन के सुनहरी दौर के धारावाहिकों में शुमार है. यह कहानी मालगुडी नाम के काल्पनिक कस्बे की है.
3. रामायण (1987-88)
रामायण की निर्देशन रामानंद सागर ने किया. इसमें अरुण गोविल राम, दीपिका चिखलिया सीता, सुनील लाहिड़ी लक्ष्मण और अरविंद त्रिवेदी ने रावण का किरदार निभाया. इस सीरियल का जादू इस कदर चला कि जब यह शुरू होता था तो कुछ लोग टीवी के आगे ही पूजा करने लगते थे.
4. महाभारत (1988-89)
महाभारत का निर्देशन ने बी.आर. चोपड़ा ने किया था. पांडवों और कौरवों की इस कहानी का दर्शकों को खूब प्यार मिला और घर-घर में खूब देखा भी गया.
5. बुनियाद (1986-87)
इस शानदार धारावाहिक का निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था. यह कहानी एक पंजाबी फैमिली और भारत के बंटवारे के दौरान की है.
6. तमस (1987)
गोविंद निहलानी द्वारा निर्देशित, यह पीरियड ड्रामा भारत के विभाजन के दौरान का है. सांप्रदायिक तनाव और हिंसा की दर्द भरी तस्वीर इसमें देखने को मिलती है. यह सीरियल भीष्म साहनी के तमस उपन्यास पर आधारित था.
7. ब्योमकेश बख्शी (1993-97)
बसु चटर्जी ने इस जासूसी सीरिज का निर्देशन किया. यह सीरियल बंगाली लेखक शरदेंदु बंद्योपाध्याय की कहानियों पर आधारित है. इसमें रजत कपूर ने ब्योमकेश बख्शी का किरदार निभाया और इसे खूब प्यार भी मिला.
8. फौजी (1988)
रवि राय निर्देशित इस नाटक में शाहरुख खान लीड रोल में नजर आए. इस उपन्यास में भारतीय सेना प्रशिक्षण अकादमी में कैडेटों के जीवन की कहानी को पेश किया गया है.
9. उड़ान (1989-91)
कविता चौधरी ने इस सीरियल का निर्देशन किया. यह नाटक कल्याणी नाम की लड़की है जो अपने ख्वाबों को पाने के लिए हर बाधा को पार करती है.
10. सुरभि (1990-2001)
सिद्धार्थ काक और रेणुका शहाणे इसके होस्ट थे. यह शो साक्षात्कारों, वृत्तचित्रों और यात्रा वृत्तांतों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विरासत और विविधता की कहानियों को पेश करता था.
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