पड़ोसन पर क्रश की बात हो लोक जेठा लाल को याद करते हैं. कैसे जेठा लाल हर वक्त बस बबीता जी के गुणगान गाते रहते हैं और उनकी तारीफों के तो ऐसे पुल बांधते हैं कि अब किसी से नहीं छिपा कि वो अपने अंदाज में बबीता जी को इंप्रेस करने की कोशिश में लगे रहते हैं. हेल्दी फ्लर्टिंग से भरा बबीता जी और जेठा लाल का ये रिश्ता खूब गुदगुदाता भी है और कभी कभी तो जेठा जी की कोशिशें देखकर दया भी आती है कि भई ये जेठा लाल बबीता जी की तारीफ करने के लिए किस लेवल तक चले जाते हैं. सबसे ज्यादा मजा तब आता है जब अय्यर बीच में आकर अपना तड़का लगाते हैं.
ऐसे में जेठा लाल का मुंह देखने वाला होता है. इस सोसायटी के यही सब किरदार हैं जो इतने साल से इस शो की यूएसपी और पहचान बने हुए हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि ये टीवी पर पहली बार हो रहा है. इससे पहले भी पड़ोसी और पड़ोसन का एक ऐसा ही रिश्ता टीवी पर खासा पॉपुलर था.
क्या आप जानते हैं हम किस जोड़ी की बात कर रहे हैं ?
ये शो 90 के दशक के लोगों के लिए एंटरटेनमेंट का सबसे बड़ा सोर्स था. तारक मेहता का उल्टा चश्मा की तरह इस शो का कंटेंट भी ऐसा था जिसे आप फैमिली के साथ बैठकर देख सकते थे. ये एक बड़ी वजह थी जो ये उस दौर के हिट शो में से एक बना. इसमें केशू जी और प्रेमा जी की बातें, नोंक-झोंक और शरारतें लोगों को खूब गुदगुदाती थीं. एक तरफ केशू जी पड़ोसन प्रेमा जी की तारीफों में लगे रहते थे वहीं दूसरी तरफ दिलरुबा जी कोकी जी की तारीफों में लगे रहते हैं. इस शो का पहला एपिसोड 1994 में टेलीकास्ट हुआ था. करीब पांच साल चले इस शो के 143 एपिसोड बने थे और ये डीडी नैशनल पर आया करता था.
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