कास्ट एंड क्रू
टाइगर श्रॉफ, अनन्या पांडेय, तारा सुतारिया, आदित्य सील, समीर सोनी, गुल पनाग, मनोज पाहवा, आएश रजा, चेतन पंडित और स्पेशल अपीरन्स में हैं आलिया भट्ट और विल स्मिथ. फिल्म को लिखा है अरशद सैयद ने और इसका निर्देशन किया है पुनीत मल्होत्रा ने. फिल्म में गानों को संगीत दिया है विशाल शेखर ने और बैक्ग्राउंड स्कोर है सलीम सुलेमान का, फिल्म में कैमरा किया है रवि के चंद्रन ने और इसके निर्माता हैं करण जौहर.
कहानी
कहानी बताने से पहलवान मैं आपको बता दूं कि स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 सीक्वल है स्टूडेंट ऑफ द ईयर की, जो साल 2012 में रिलीज हुई थी. लेकिन कहानी के मामले में इसका पहली फिल्म से कोई लेना देना नहीं है. इस फिल्म में रोहन एक मध्यम वर्गीय परिवार से आता है और बचपन से वो मृदुला से प्रेम करता है पर मृदुला के सपने बड़े हैं, जिसके चलते वो सेंट टेरेसा स्कूल में एडमिशन ले लेती है. यह स्कूल देहरादून का जाना-माना स्कूल होता है. यहां सब हाई सोसायटी के लोग पढ़ते हैं और सिर्फ मृदुला की वजह से रोहन भी यहां स्कॉलरशिप से एडमिशन पा जाता है पर अपर क्लास और लोअर क्लास फर्क उसे यहां साफ महसूस होता है और उसकी बचपन की दोस्त मृदुला भी किसी और से प्रेम कर बैठती है. अब किस तरह से रोहन इस अमीरी-गरीबी की रेखा को लांघकर अपने सपने पूरे करेगा और क्या वो जीत पाएगा स्टूडेंट ऑफ द ईयर की ट्रॉफी ये सब आपको फिल्म देखने के बाद पता ही चलेगा.
फिल्म की खामियां
फिल्म का जर्म 1992 में रिलीज हुई फिल्म जो जीता वही सिकंदर का है. फिल्म की कहानी की बात करें तो ना तो ये दमदार है और ना ही इसमें नयापन स्क्रीन प्ले और सीन्स ऐसे लगते हैं कि एक फॉर्मूला को फॉलो करके डाले गए हैं. पूरी फिल्म में सरप्राइज फैक्टर कोई नहीं है या दूसरे शब्दों में बोलूं तो कोई ट्विस्ट एंड टर्न की अपेक्षा ना करें फिल्म से. ये क्लीशेज से भरपूर है, यूं तो अनन्या का किरदार श्रेया एक ऊंचे परिवार से ताल्लुक रखता है पर जब श्रेया ये बोलती है कि उसके पैदा होते वक्त उसकी मां गुजर गयी और उसके पिता उसे मनहूस कहते हैं तो बात गले नहीं उतरती और ऐसी ही कुछ और चीजें शायद आपको फिल्म में दिख जाएंगी, तो ये थी खामियां.
खूबियां
इस फ़िल्म की सबसे बड़ी खूबी है इसका प्रॉडक्शन डिजाइन जिसकी वजह से ठीक करण जौहर की फिल्मों की तरह इसमें भी ग्लोस यानी चमक धमक है और कॉलेज या स्कूल जाने वाले छात्र अपने ख्वाबों में ऐसे ही स्कूल और कॉलेज ख्वाहिश रखेंगे. ये फिल्म यंग जेनरेशन को सपने दे जाती है जिसकी वजह से उन्हें शायद ये फिल्म पसंद आए और इसकी सिनमेटॉग्राफी के लिए रवि के चंद्रन तारीफ के काबिल हैं. इस फिल्म की दूसरी खूबी है टाइगर श्रॉफ, इसमें कोई दो राय नहीं है की टाइगर की तरह डान्स और ऐक्शन करने वाला कोई अभिनेता इस इंडस्ट्री में नहीं है. यानी यहां मैं डान्स और एक्शन दोनो में पारंगत होने की बात कर रहा हूं और इसी लिए मुझे लगता है उनसे बेहतर ये कोई नहीं कर सकता था. अब बात अनन्या पांडेय और तारा सुतारिया की जो इस फिल्म से डेब्यू कर रही हैं और इनमें अनन्या पांडेय का काम इम्प्रेसिव है और तारा भी ठीक है, अभिनय के मामले में करीब-करीब सब का काम ठीक है. संगीत की बात करें तो ये जवानी एक रीक्रिएटेड सॉन्ग है और यह अच्छा लगता है. तो जैसा मैंने कहा की यंग जेनरेशन को ये फिल्म पसंद आ सकती है पर मेरे और से इसे 2.5 स्टार्स.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं