'नानू की जानू' एक हॉरर कॉमेडी फिल्म है.
'नानू की जानू' एक हॉरर कॉमडी फिल्म है और ये तमिल मूवी 'पिसासु' का हिंदी रीमेक है. फिल्म की कहानी नानू और सिद्धि की है. जहां नानू (अभय देओल) अपने 3 दोस्तों के साथ मिलकर घरों पर कब्जा करता है. एक दिन रास्ते में एक लड़की ऐक्सिडेंट के कारण घायल हो जाती है और नानू उसे बचाने की कोशिश करता है पर सिद्धि (पत्रलेखा) नाम की ये लड़की अस्पताल पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ देती है. अब मुश्किल ये है कि सिद्धि की भटकती रूह नानू की दीवानी हो जाती है.
कास्ट एंड क्रू
अभय देओल और पत्रलेखा के अलावा फिल्म में मनु ऋषि चड्ढा, हिमानी शिवपुरी, राजेश शर्मा, बृजेंद्र काला, मनोज पाहवा, रेशमा खान अहम भूमिका में हैं. हरियाणवी सिंगर सपना चौधरी फिल्म में स्पेशल अपीयरेंस दे रही हैं. फिल्म के निर्देशक फराज हैदर हैं और इसे लिखा है मनु ऋषि चड्ढा ने जबकि ओरिजनल कहानी मिश्किन की है.
खामियां
फिल्म की लम्बाई ज्यादा है जिसकी वजह से फिल्म बीच-बीच में आपका ध्यान भटकाती है, स्क्रीनप्ले और कसा हुआ हो सकता था. फिल्म का कैमरा वर्क काफी कमजोर लग रहा है. फिल्म का क्लाइमैक्स उलझा हुआ और बिना लॉजिक का है और यह दर्शक के दिलों में बहुत से सवाल छोड़ जाता है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बहुत-सी जगह पर शोर लगता है. फिल्म का कोई गाना, हॉल से बाहर निकलने के बाद आपकी जबान पर नहीं चढ़ता.
खूबियां
इस फिल्म की पहली खूबी इसका विषय है, जो की कॉमेडी के लिए सटीक है और इसमें कोई दो राय नहीं की ये फिल्म आपको बहुत-सी जगह पर हंसाती है और इसके भावनात्मक दृश्य भी आप महसूस कर पाते हैं. फिल्म की दूसरी खूबी इसके डायलॉग्स हैं खासतौर पर वो जिनका इस्तेमाल बतौर एक्टर मनु ऋषि ने किया है. बेहतरीन एक्टिंग से मनु ऋषि आपना प्रभाव छोड़ पाते हैं. फिल्म के कुछ सीन्स की सिचुएशन इसकी कॉमेडी को बल देती है और इसका श्रेय भी जाता है मनु ऋषि को. अभिनय की बात करें तो मनु ऋषि के बाद राजेश शर्मा का अच्छा अभिनय, अभय देओल ने भी ठीक-ठाक काम किया हैं. बतौर निर्देशक फराज अपनी पहली फिल्म 'वार छोड़ ना यार' के मुकाबले इस फिल्म में परिपक्व होते नजर आए हैं. वैसे, दिमाग घर पर छोड़ कर एक बार ये फिल्म आप देख सकते हैं. फिल्म को हमारी ओर से 5 में से 2.5 स्टार्स.
VIDEO: फिल्म 'नानू की जानू' की टीम से खास मुलाकात
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
कास्ट एंड क्रू
अभय देओल और पत्रलेखा के अलावा फिल्म में मनु ऋषि चड्ढा, हिमानी शिवपुरी, राजेश शर्मा, बृजेंद्र काला, मनोज पाहवा, रेशमा खान अहम भूमिका में हैं. हरियाणवी सिंगर सपना चौधरी फिल्म में स्पेशल अपीयरेंस दे रही हैं. फिल्म के निर्देशक फराज हैदर हैं और इसे लिखा है मनु ऋषि चड्ढा ने जबकि ओरिजनल कहानी मिश्किन की है.
खामियां
फिल्म की लम्बाई ज्यादा है जिसकी वजह से फिल्म बीच-बीच में आपका ध्यान भटकाती है, स्क्रीनप्ले और कसा हुआ हो सकता था. फिल्म का कैमरा वर्क काफी कमजोर लग रहा है. फिल्म का क्लाइमैक्स उलझा हुआ और बिना लॉजिक का है और यह दर्शक के दिलों में बहुत से सवाल छोड़ जाता है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बहुत-सी जगह पर शोर लगता है. फिल्म का कोई गाना, हॉल से बाहर निकलने के बाद आपकी जबान पर नहीं चढ़ता.
खूबियां
इस फिल्म की पहली खूबी इसका विषय है, जो की कॉमेडी के लिए सटीक है और इसमें कोई दो राय नहीं की ये फिल्म आपको बहुत-सी जगह पर हंसाती है और इसके भावनात्मक दृश्य भी आप महसूस कर पाते हैं. फिल्म की दूसरी खूबी इसके डायलॉग्स हैं खासतौर पर वो जिनका इस्तेमाल बतौर एक्टर मनु ऋषि ने किया है. बेहतरीन एक्टिंग से मनु ऋषि आपना प्रभाव छोड़ पाते हैं. फिल्म के कुछ सीन्स की सिचुएशन इसकी कॉमेडी को बल देती है और इसका श्रेय भी जाता है मनु ऋषि को. अभिनय की बात करें तो मनु ऋषि के बाद राजेश शर्मा का अच्छा अभिनय, अभय देओल ने भी ठीक-ठाक काम किया हैं. बतौर निर्देशक फराज अपनी पहली फिल्म 'वार छोड़ ना यार' के मुकाबले इस फिल्म में परिपक्व होते नजर आए हैं. वैसे, दिमाग घर पर छोड़ कर एक बार ये फिल्म आप देख सकते हैं. फिल्म को हमारी ओर से 5 में से 2.5 स्टार्स.
VIDEO: फिल्म 'नानू की जानू' की टीम से खास मुलाकात
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