ओलंपिक चैंपियन नीरज चौपड़ा ने कहा- मैं नहीं चाहता मेरी बायोपिक फ्लॉप हो

टोक्यो ओलंपिक के दौरान किसान के बेटे नीरज चोपड़ा ने अपने दूसरे थ्रो में 87.58 मीटर भाला फेंक कर दुनियाभर के भाला फेंकने वाले दिग्गजों को चौंका दिया था.

ओलंपिक चैंपियन नीरज चौपड़ा ने कहा- मैं नहीं चाहता मेरी बायोपिक फ्लॉप हो

'मैं ओलंपिक में और भी मेडल जीतने में कामयाब रहा तो शायद फिल्म और भी ज्यादा हिट होगी'

खास बातें

  • 'अभी मेरे करियर की शुरुआत है'
  • नीरज ने कहा-अभी मेरा ध्यान सिर्फ खेल पर है
  • हॉकी खिलाड़ी पी आर श्रीजेश ने अपनी बायोपिक पर बात की

जब से ओलंपिक (OLYMPIC)के ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने गोल्ड मेडल जीता है तभी से उनकी बायोपिक को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है. इस बात पर भी काफी चर्चा हो रही है कि कौन उनके रोल में फिल्म में काम कर सकता है. ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने कहा है कि 'मेरे ऊपर फिल्म बनाने के लिए अभी इंतजार करना चाहिए जब तक मैं देश के लिए कुछ और मेडल नहीं ले आता. इसके बाद वो फिल्म और भी ज्यादा हिट होगी'. उन्होंने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा मुझे बायोपिक बनाने के लिए कई लोगों ने अप्रोच किया है लेकिन मुझे लगता है अभी मेरे करियर की शुरुआत है. ये मेरा पहला ही ओलंपिक था. मैं और भी ओलंपिक मेडल जीतना चाहता हूं. इसके बाद मजाकिया अंदाज में उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता की मेरे ऊपर बनने वाली फिल्म फ्लॉप हो जाए. इसलिए मुझे अभी और मेडल जीत जाने दीजिए. 

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नीरज ने कहा अगर मैं ओलंपिक में और भी मेडल जीतने में कामयाब रहा तो शायद फिल्म और भी ज्यादा हिट होगी. अभी मेरा पूरा फोकस खेल पर है मैंने अभी फिल्मों के बारे में कुछ सोचा भी नहीं है. 

टोक्यो ओलंपिक(TOKYO OLYMPIC) के दौरान किसान के बेटे नीरज चोपड़ा ने अपने दूसरे थ्रो में 87.58 मीटर भाला फेंक कर दुनियाभर के भाला फेंकने वाले दिग्गजों को चौंका दिया था और भारत के ट्रैक एंड फील्ड में 100 साल के सूखे को भी खत्म किया. उन्होंने अपने उसी गोल्डन पल को याद करते हुए कहा कि जब मैं थ्रो फेंक रहा था तो मेरे दिमाग में मेडल बिल्कुल नहीं था, मुझे बस ये यकीन था कि मैंने जो थ्रो फेंका है वो सबसे अच्छा है. नीरज ने कहा ईमानदारी से कहूं तो आखिरी थ्रो तक आपको कुछ भी पता नहीं होता कि क्या होने वाला है क्योंकि वहां पर दुनिया के सभी चैंपियन खिलाड़ी आते हैं. उन्होंने कहा भविष्य के लिए मैं 90 मीटर थ्रो फेंकने की तैयारी कर रहा हूं. 


भारत के पूर्व हॉकी कप्तान और ऐतिहासिक ओलंपिक कांस्य पदक विजेता टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश (PR Sreejsh) ने भी खुलासा किया कि उनके जीवन पर एक फिल्म बनने जा रही है. उन्होंने कहा, "हां, मुझसे एक बायोपिक के लिए संपर्क किया गया है और बातचीत चल रही है." अनुभवी गोलकीपर ने कहा कि 2014 एशियाई खेलों में टीम के प्रदर्शन ने भारतीय हॉकी की किस्मत बदल दी.

"जब 2008 में हम क्वालीफाई नहीं कर पाए, तो हम अगले चार वर्षों तक जबरदस्त दबाव में थे. भारतीय हॉकी टीम के आसपास बहुत सारी नकारात्मक बातें हुईं, कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि यह भारतीय हॉकी के लिए एक काला दिन था. "2012 में, जब हम लंदन ओलंपिक में गए थे, तब भी हमारे प्रयासों की आलोचना की गई थी क्योंकि हम कोई मैच नहीं जीत पाए थे.

"2014 के बाद चीजें बदल गईं जब हमने इंचियोन में एशियाई खेलों में सेमीफाइनल में जगह बनाई और खासकर जब हमने पाकिस्तान को हराया. उसके बाद लोग हमारे बारे में आशान्वित थे. जब आप ओलंपिक के लिए जाते हैं तो हमेशा बहुत उम्मीदें होती हैं, और 2016 में हमने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई. "अब जब हमने हाल के ओलंपिक में पदक जीता है, तो हम समझते हैं कि यह कुछ ऐसा है जो रातोंरात नहीं हुआ है. ओलंपिक में हालिया जीत के बाद लोगों की सोच में बदलाव आया है, नीरज के स्वर्ण जीतने के बाद लोगों की सोच में बदलाव आया है.

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