World Suicide Prevention Day 2021: जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस

World Suicide Prevention Day 2021: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है. बदलती लाइफस्टाइल और खुद के लिए समय की कमी, लोगों में अवसाद का कारण बन रही है. पिछले कुछ सालों में भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में खुदकुशी (Suicide) की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं.

World Suicide Prevention Day 2021: जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस

World Suicide Prevention Day 2021: विश्‍व आत्महत्या रोकथाम दिवस की इस बार की थीम

नई दिल्ली:

World Suicide Prevention Day 2021: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है. प्रति वर्ष 10 सितंबर को इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) का आयोजन करती है. बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO)भी इसमें भागीदार है. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) मनाने के पीछे का उद्देश्य विश्व में तेजी से बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति पर रोक लगाना है. अक्सर बदलती लाइफस्टाइल और खुद के लिए समय की कमी, लोगों में अवसाद का कारण बन रही है. पूरे दिन बिजी शेड्यूल में मिल रहा स्ट्रेस लोगों में कई तरह के बदलाव लाता है. कई बार बढ़ते अवसाद के कारण भी लोग आत्महत्या (Suicide) कर लेते हैं. पिछले कुछ सालों में भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में खुदकुशी (Suicide) की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं.

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आत्महत्या का डेटा (Suicide Data)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है. प्रत्येक वर्ष लगभग 8 लाख से अधिक लोग अलग-अलग कारणों के चलते मौत को गले लगा लेते हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज के समय में लोग किस हद तक मानसिक तनाव के शिकार हो रहे हैं. ये स्थिति वैसे तो काफी डरावनी है और चिंता का विषय भी है. विश्व में 79 फीसद आत्महत्या निम्न और मध्यवर्ग वाले देशों के लोग करते हैं.

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 World Suicide Prevention Day 2021: तेजी से बढ़ रहे हैं आत्महत्या के कारण

देखे जा सकते हैं ये परिवर्तन (These Changes Can Be Seen)

जब कोई भी इंसान मानसिक तनाव से जूझ रहा होता है तो उसके व्यवहार में पहले की अपेक्षा कुछ बदलाव देखने को मिल जाते हैं. देखा जाये तो ऐसे लोग और लोगों से दूरी बना लेते हैं. खासकर अकेलेपन के साथी हो जाते हैं. ये ना आपको सोशल मीडिया में मिलेंगे और ना ही किसी चहल-पहल वातावरण में, ये अकेले रहना पसंद करते हैं. छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा, इसका एक उदाहरण हो सकता है.

ऐसे कर सकते हैं बचाव

इससे बचाव के लिए आप ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच रहें. अगर घर में कोई सदस्य इस समस्या से जूझ रहा है तो उस पर नकारात्मक प्रतिक्रिया ना दें. परिवार के साथ बैठकर परेशानी का हल निकालें. गुस्से पर काबू रखें. अपने आप को खुश रखने की कोशिश करें.

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