नई दिल्ली:
उच्च रक्तचाप यानी कि हाई ब्लड प्रेशर से बचाव के प्रति जागरूकता लाने के लिए वर्ल्ड हाईपरटेंशन डे 17 मई को मनाया जाता है. हाईपरटेंशन वह स्थिति है जब रक्तचाप सामान्य (120/80mmHg)से अधिक हो जाता है. सामान्य रूप से हाईपरटेंशन के कारण मोटापा, आनुवांशिक कारण, शराब का अत्यधिक सेवन, अधिक मात्रा में नमक का सेवन, व्यायाम न करना, तनाव, बर्थ कंट्रोल दवाओं का सेवन, दर्द निवारक दवाओं का सेवन और किडनी रोग आदि होते हैं. वैसे तो हाईब्लड प्रेशर के निवारण के लिए अनेक दवाएं हैं लेकिन कुछ प्राकृतिक उपाय ऐसे हैं जिनको अपनाकर आसानी से हाईपरटेंशन से मुक्त रहा जा सकता है. इन घरेलू उपायों को अपनाने के साथ-साथ डॉक्टर के निर्देशों का पालन जरूर किया जाना चाहिए और नियमित चेकअप के साथ-साथ खान-पान संबंधी निर्देशों का भी पालन किया जाना चाहिए.
वर्ल्ड हाईपरटेंशन डे पर हम आपको हाई ब्लड प्रेशर से बचाव के 10 प्राकृतिक तरीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं -
केला
केला एक ऐसा फल है जिसका हाईब्लड प्रेशर के मरीजों को नियमित रूप से सेवन करना चाहिए. केले में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में होता है जो कि सोडियम के असर को कम करता है. तो रोज एक से दो केले का सेवन शुरू करें. केले के साथ आप सूखे खुबानी, किशमिश, संतरे का रस, पालक, बेक्ड आलू और कैंटोलॉप का भी सेवन कर सकते हैं.
अजवायन
अजवाइन में मौजूद फाइटोकेमिकल 3-एन-ब्युटिल्फथलाइड का उच्च स्तर बहुत उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है. फथलाइड धमनी दीवारों और आसपास की मांसपेशियों को आराम देता है जिससे धमनियों में अधिक स्थान बनाने के साथ बिना बाधा के रक्त प्रवाह चलता है. इसके साथ - साथ यह तनाव पैदा करने वाले हार्मोन, जो कि रक्त वाहिकाओं को सिकुड़ते हैं, को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. यह हार्मोन उच्च रक्तचाप बढ़ाते हैं. रोजाना एक गिलास पानी के साथ अजवाइन खाने की कोशिश करें. यदि आप चाहें तो दिन में कई बार अजवाइन चबा सकते हैं.
नारियल पानी
उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना चाहिए. रोजाना आठ से दस गिलास पानी पीना अच्छा होता है. रक्तचाप को कम करने के लिए नारियल का पानी विशेष रूप से फायदेमंद है. नारियल के पानी के साथ, आप खाना पकाने में भी नारियल तेल का उपयोग कर सकते हैं.
काली मिर्च
हल्के उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को काली मिर्च खाने से फायदा होगा. यह प्लेटलेट्स के साथ मिलकर रक्त के थक्के बनने से रोकती है चिकनाई पैदा करके रक्त प्रवाह में मदद करती है. आप फलों या सब्जियों की सलाद में कुछ काली मिर्च डाल सकते हैं या सूप में भी एक चुटकी काली मिर्च डाल सकते हैं.
प्याज का रस
प्याज भी आपके रक्तचाप को कम करने के लिए मददगार है. इसमें एक एंटीऑक्सिडेंट फ्लॉवॉनोल मौजूद होता है जिसे क्वरेटिन कहा जाता है. एक मध्यम आकार की कच्ची प्याज नियमित रूप से खाने की कोशिश करें. आप एक से दो सप्ताह तक प्रतिदिन दो बार आधा चम्मच प्याज का रस शहद के साथ ले सकते हैं.
शहद
शहद दिल पर रक्त के दबाव को कम करती है. शहद रक्त वाहिकाओं पर असर करती है और इसीलिए यह उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक होती है. हर सुबह खाली पेट दो चम्मच शहद खाने की कोशिश करें. आप एक चम्मच शहद और अदरक का रस के दो चम्मच जीरा के साथ मिलाकर ले सकते हैं. इसे दिन में दो बार खाएं. एक अन्य प्रभावी उपाय है तुलसी का रस और शहद को बराबर मात्रा में लेना. इसे रोजाना एक बार खाली पेट ले सकते हैं.
लहसुन
कई अध्ययनों से साबित हुआ है कि लहसुन में ब्लड प्रेशर कम करने की क्षमता है. कच्चा हो या पका हुआ दोनों तरह का लहसुन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार होता है. साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है. लहसुन नाइट्रिक ऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड के उत्पादन को उत्तेजित करके रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाने में मददगार होता है. रोजाना एक या दो कुचले हुए लहसुन खाएं. आप बस अपने हाथों से इसे कुचल सकते हैं. लहसुन को कुचलने से हाइड्रोजन सल्फाइड पैदा होता है. यह रक्त प्रवाह को सामान्य रखता है, गैस निकालता है और दिल पर दबाव कम करता है. यदि आप कच्चा लहसुन खाना पसंद नहीं करते हैं या इसके सेवन में जलन महसूस हैं तो इसे एक कप दूध के साथ ले सकते हैं.
मेथी के बीज
मेथी के बीज में उच्च पोटेशियम और फाइबर होने के कारण यह उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए प्रभावी है. दो चम्मच मेथी के बीजों को पानी में लगभग दो मिनट तक उबालें और फिर इसे ठंडा कर लें. इसके बाद इसके बीज निकालकर उसका पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को रोज दो बार खाएं, सुबह एक बार खाली पेट पर और एक बार शाम को. अपने रक्तचाप के स्तर में महत्वपूर्ण सुधार के लिए इस उपाय को दो से तीन महीनों तक करें.
नीबू
नीबू धमनियों को नरम रखने में सहायक होता है. जब रक्त वाहिकाओं में कठोरता नहीं होगी तो उच्च रक्तचाप स्वाभाविक रूप से कम हो जाएगा. इसके अलावा आप नीबू, जिसमें विटामिन सी होता है, के नियमित सेवन से हार्टफेल की संभावना को भी कम कर सकते हैं. विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट है जो मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों को बेअसर करने में मदद करता है.
तरबूज के बीज
तरबूज के बीज में कूक्रोबोकिट्रिन नामक एक यौगिक होता है, जो कि रक्त कोशिकाओं को चौड़ा करने में मदद करता है. साथ ही, यह किडनी के कामकाज को बेहतर बनाने में भी मदद करता है. यह रक्तचाप के स्तर को कम करता है और गठिया रोग के उपचार में भी बहुत मदद होता है. सूखे तरबूज के बीज और अफीम के बीज (खसखस) को समान मात्रा में मिलाकर पीसें. इस मिश्रण का एक चम्मच सुबह खाली पेट पर और शाम को लें.
वर्ल्ड हाईपरटेंशन डे पर हम आपको हाई ब्लड प्रेशर से बचाव के 10 प्राकृतिक तरीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं -
केला
केला एक ऐसा फल है जिसका हाईब्लड प्रेशर के मरीजों को नियमित रूप से सेवन करना चाहिए. केले में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में होता है जो कि सोडियम के असर को कम करता है. तो रोज एक से दो केले का सेवन शुरू करें. केले के साथ आप सूखे खुबानी, किशमिश, संतरे का रस, पालक, बेक्ड आलू और कैंटोलॉप का भी सेवन कर सकते हैं.
अजवायन
अजवाइन में मौजूद फाइटोकेमिकल 3-एन-ब्युटिल्फथलाइड का उच्च स्तर बहुत उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है. फथलाइड धमनी दीवारों और आसपास की मांसपेशियों को आराम देता है जिससे धमनियों में अधिक स्थान बनाने के साथ बिना बाधा के रक्त प्रवाह चलता है. इसके साथ - साथ यह तनाव पैदा करने वाले हार्मोन, जो कि रक्त वाहिकाओं को सिकुड़ते हैं, को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. यह हार्मोन उच्च रक्तचाप बढ़ाते हैं. रोजाना एक गिलास पानी के साथ अजवाइन खाने की कोशिश करें. यदि आप चाहें तो दिन में कई बार अजवाइन चबा सकते हैं.
नारियल पानी
उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना चाहिए. रोजाना आठ से दस गिलास पानी पीना अच्छा होता है. रक्तचाप को कम करने के लिए नारियल का पानी विशेष रूप से फायदेमंद है. नारियल के पानी के साथ, आप खाना पकाने में भी नारियल तेल का उपयोग कर सकते हैं.
काली मिर्च
हल्के उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को काली मिर्च खाने से फायदा होगा. यह प्लेटलेट्स के साथ मिलकर रक्त के थक्के बनने से रोकती है चिकनाई पैदा करके रक्त प्रवाह में मदद करती है. आप फलों या सब्जियों की सलाद में कुछ काली मिर्च डाल सकते हैं या सूप में भी एक चुटकी काली मिर्च डाल सकते हैं.
प्याज का रस
प्याज भी आपके रक्तचाप को कम करने के लिए मददगार है. इसमें एक एंटीऑक्सिडेंट फ्लॉवॉनोल मौजूद होता है जिसे क्वरेटिन कहा जाता है. एक मध्यम आकार की कच्ची प्याज नियमित रूप से खाने की कोशिश करें. आप एक से दो सप्ताह तक प्रतिदिन दो बार आधा चम्मच प्याज का रस शहद के साथ ले सकते हैं.
शहद
शहद दिल पर रक्त के दबाव को कम करती है. शहद रक्त वाहिकाओं पर असर करती है और इसीलिए यह उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक होती है. हर सुबह खाली पेट दो चम्मच शहद खाने की कोशिश करें. आप एक चम्मच शहद और अदरक का रस के दो चम्मच जीरा के साथ मिलाकर ले सकते हैं. इसे दिन में दो बार खाएं. एक अन्य प्रभावी उपाय है तुलसी का रस और शहद को बराबर मात्रा में लेना. इसे रोजाना एक बार खाली पेट ले सकते हैं.
लहसुन
कई अध्ययनों से साबित हुआ है कि लहसुन में ब्लड प्रेशर कम करने की क्षमता है. कच्चा हो या पका हुआ दोनों तरह का लहसुन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार होता है. साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है. लहसुन नाइट्रिक ऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड के उत्पादन को उत्तेजित करके रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाने में मददगार होता है. रोजाना एक या दो कुचले हुए लहसुन खाएं. आप बस अपने हाथों से इसे कुचल सकते हैं. लहसुन को कुचलने से हाइड्रोजन सल्फाइड पैदा होता है. यह रक्त प्रवाह को सामान्य रखता है, गैस निकालता है और दिल पर दबाव कम करता है. यदि आप कच्चा लहसुन खाना पसंद नहीं करते हैं या इसके सेवन में जलन महसूस हैं तो इसे एक कप दूध के साथ ले सकते हैं.
मेथी के बीज
मेथी के बीज में उच्च पोटेशियम और फाइबर होने के कारण यह उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए प्रभावी है. दो चम्मच मेथी के बीजों को पानी में लगभग दो मिनट तक उबालें और फिर इसे ठंडा कर लें. इसके बाद इसके बीज निकालकर उसका पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को रोज दो बार खाएं, सुबह एक बार खाली पेट पर और एक बार शाम को. अपने रक्तचाप के स्तर में महत्वपूर्ण सुधार के लिए इस उपाय को दो से तीन महीनों तक करें.
नीबू
नीबू धमनियों को नरम रखने में सहायक होता है. जब रक्त वाहिकाओं में कठोरता नहीं होगी तो उच्च रक्तचाप स्वाभाविक रूप से कम हो जाएगा. इसके अलावा आप नीबू, जिसमें विटामिन सी होता है, के नियमित सेवन से हार्टफेल की संभावना को भी कम कर सकते हैं. विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट है जो मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों को बेअसर करने में मदद करता है.
तरबूज के बीज
तरबूज के बीज में कूक्रोबोकिट्रिन नामक एक यौगिक होता है, जो कि रक्त कोशिकाओं को चौड़ा करने में मदद करता है. साथ ही, यह किडनी के कामकाज को बेहतर बनाने में भी मदद करता है. यह रक्तचाप के स्तर को कम करता है और गठिया रोग के उपचार में भी बहुत मदद होता है. सूखे तरबूज के बीज और अफीम के बीज (खसखस) को समान मात्रा में मिलाकर पीसें. इस मिश्रण का एक चम्मच सुबह खाली पेट पर और शाम को लें.
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