Gular ke labh : गूलर एक ऐसा फल है जिसका जिक्र आयुर्वेद में भी है. इसके फल को अंग्रेजी में वाइल्ड फिग (Wild fig) कहते हैं. वहीं, हिन्दी में जंगली अंजीर, जंगली गूलर, बेडू, दादुरी, कठगूलर और पगवारा के नाम से जाना जाता है. इसमे विटामिन, मिनरल्स के अलावा आयरन, पोटैशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसके कारण गूलर का इस्तेमाल कई सेहत संबंधी (Gular in health issue) परेशानियों में किया जाता है. आज इस लेख में हम आपको बताएंगे इसकी छाल, पत्तियां और फूल कैसे आपके सेहत को लाभ पहुंचाने का काम करते हैं.
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गूलर के स्वास्थ्य लाभ हैं?
- गूलर के दूध की 10 से 20 बूंद पानी में मिलाकर बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को पीला दीजिए, इससे लाभ मिलता है. वहीं, इसके दूध को मस्सों पर लगाने से दब जाते हैं.
- वहीं, मुंह के छालों (mouth ulcer) से राहत पाने के लिए आप गूलर की छाल से बने 250 मिली काढ़ा में 3 ग्राम कत्था व 1 ग्राम फिटकरी मिलाकर कुल्ला करें. इससे आपको कुछ देर में राहत मिलेगी.
- गूलर के फल का सेवन आप पेट दर्द (stomach pain) से राहत पाने के लिए कर सकते हैं. लेकिन इससे पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर राय मशविरा करें.
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- अगर आपको पेशाब की परेशानी है तो 2 पके फल इसके खाने से इससे निजात मिल सकती है. लेकिन इसमें डॉक्टर की सलाह जरूर लीजिए. इसके अलावा आप गूलर के फूल का सेवन डायबिटीज में कर सकते हैं. ब्लड शुगर कंट्रोल करने में आसानी होगी.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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