...क्योंकि सिंगल फादर के लिए 'बेस्ट डैड' बनना आसान नहीं

...क्योंकि सिंगल फादर के लिए 'बेस्ट डैड' बनना आसान नहीं

प्रतीकात्मक तस्वीर

बच्चों की परवरिश आसान नहीं। पुरुषों के लिए ये जिम्मेदारी निभाना और भी मुश्किल है। ऐसा इसलिए क्योंकि कि घर और दफ्तर में बैलेंस करने के साथ साथ उन्हें अपना हर काम बच्चे के हिसाब से बैलेंस करना पड़ता है।

महिलाओं के लिए ये सब थोड़ा आसान इसलिए भी हो जाता है क्योंकि बचपन से ही उन्हें घर संभालने और संयम से काम लेने की ‘ट्रेनिंग’ दी जाती है। वहीं दूसरी तरफ, अगर पुरुष घर का कामकाज करें तो दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच उनका मजाक बनता है। लिहाजा, जब सिंगर फादर का रोल प्ले करने की नौबत आती है, तो परेशानी बढ़ जाती है।
 

लेकिन सिंगल फादर अगर इन छोटी-मोटी बातों का ख्याल रखें, तो उनका काम आसान हो सकता है।

1.बजट तैयार करें
घर और बच्चों की जिम्मेदारी अगर आपके पॉकेट पर निर्भर करती है तो आपको खर्चों पर नजर रखना ही होगा। बच्चे साथ हैं, तो जाहिर है कभी भी कोई भी इमरजेंसी आ सकती है। उन सबके लिए आपको ‘तन, मन और धन’ से हमेशा तैयार रहना होगा। इसलिए बाजार निकलने से पहले आप अपना बजट तैयार करके निकलें और जो जरूरी सामान हो वहीं खरीदें। फिजूलखर्ची से बचें।

2.टाइम टेबल बनाएं
नाश्ता, घर की सफाई, बच्चे का होमवर्क, आपकी ऑफिस टाइमिंग...इन सबको ध्यान में रखते हुए एक टाइमटेबल बनाएं। इससे आपको चीजों को व्यवस्थित करने में और सारा काम वक्त पर निपटाने में सहूलियत मिलेगी।
 

3.दूसरों की मदद लें
माना कि आप सारी जिम्मेदारी अकेले निभाने में सक्षम हैं। लेकिन अगर आप अपने दोस्तों, परिवारवालों या किसी प्रोफेश्नल की मदद लेंगे तो आपको आराम करने का वक्त मिलेगा। आप खुद के लिए भी वक्त निकाल पाएंगे। अगर आपको घर से बाहर निकलना हो तो जरूरी नहीं कि बच्चे को भी साथ ले जाएं। उसे उसके दोस्तों के घर पर या अपने किसी मित्र के पास छोड़ कर जाएं। इससे आपको और बच्चे को भी झंझट से छुटकारा मिल जाएगा। 

4.कम्युनिटी से जुड़ें
याद रखें, इन हालात से गुजरने वाले और ये जिम्मेदारी निभाने वाले आप अकेले नहीं हैं। सोशल मीडिया पर या आपके आस पड़ोस में ऐसे कई लोग होंगे। आप उनसे जुड़ें, अपनी परेशानी शेयर करें। उनके सुझाव आपके बहुत काम आ सकते हैं। 
 

5.बच्चों के साथ वक्त बिताएं

आप अपनी तरफ से भले ही 'बेस्ट डैड' बनने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हो सकता है कि जिंदगी की आपा-धापी में कई अहम चीज पीछे छूट रही हैं। आपके बच्चे बड़े हो रहे हैं, और उनकी जिंदगी के खास पलों का- पहली बार चलना, बोलना, स्कूल का पहला दिन, पहला क्रश, पहली नौकरी, अफेयर -इन सब का हिस्सा बनने की कोशिश करें।

केवल पिता की तरह नहीं उनसे दोस्त की तरह पेश आएं, ताकि वो आपको अपने दिल की बात, डर या परेशानी बिना किसी हिचक के बता सकें। इसके लिए जरूरी है कि आप उनके साथ वक्त बिताएं। अगर आप उनसे दूर हैं तो सोशल मीडिया या फोन के जरिए उनसे जुड़े रहने की कोशिश करें।

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