सेहत के लिए जितना जरूरी बेहतर खानपान और एक्सरसाइज है उतना ही जरूरी होता है पूरी नींद लेना. जानकार मानते हैं कि हर इंसान को कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए. हालांकि आधुनिकता और व्यस्त जीवन में ऐसा कर पाना संभव नहीं होता. देर रात जागना और सुबह उठकर दफ्तर जाने की होड़ में नींद अक्सर अधूरी ही रह जाया करती है. अक्सर आप महसूस करते होंगे की नींद न पूरी होने की वजह से आप पूरा दिन थका-थका सा महसूस कर रहे हैं, साथ ही कई बार बिना बात चिड़चिड़ाहट भी होती है. ऐसी ढेरों समस्याएं हैं जो नींद पूरी न होने के कारण बढ़ सकती हैं, कुछ ऐसी भी परेशानियों हो सकती हैं जिसका आपको अंदाजा भी नहीं होगा.
रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है कमजोर
कोरोना काल में सभी जानकार और डॉक्टर्स अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की बात कर रहे हैं. ऐसे में आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि नींद पूरी न होने से आपकी इम्यूनिटी वीक हो सकती है. इम्यूनिटी वीक होने से सर्दी-जुकाम, खांसी, इंफेक्शन जैसी समस्याएं जन्म ले सकती हैं.
तनाव और गुस्सा
जब नींद पूरी नहीं होती तो हमारे दिमाग को आराम नहीं मिलता, ऐसे में तनाव बढ़ता है और इससे दिन भर चिड़चिड़ाहट सी होती है. लगातार अगर नींद पूरी न हो तो इंसान डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है.
दिल की सेहत पर बुरा असर
नींद पूरी न हो तो बॉडी का मेटाबॉलिज्म रेट प्रभावित होता है. इस वजह से शरीर में फैट बढ़ने लग जाता है. इससे हाई बीपी, मधुमेह और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
हार्मोनल समस्याएं
नींद अगर पूरी नहीं होती तो इससे स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है और इससे हार्मोनल डिस्बैलेंस हो सकता है. महिलाओं में आजकल थायरॉयड, पीसीओडी जैसी कई हार्मोनल परेशानियां तेजी से बढ़ रही हैं. इससे मूड स्विंग, पीरियड की अनियमितता, मोटापा जैसी दूसरी समस्याएं भी हो सकती हैं.
याददाश्त पर असर
लगातार नींद पूरी न हो तो इसका असर आपकी याददाश्त पर भी पड़ सकता है. इससे इंसान रोजमर्रा की सामान्य बातें भी भूलने लग सकता है. इस कारण से उसकी निर्णय लेने की क्षमता भी कमजोर होती है. वह अपने दिमाग को किसी भी काम में पूरी तरह लगा नहीं पाता.
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