घुटनों को पूरी जिंदगी रखना है मजबूत तो दौड़ने में ना करें कंजूसी

घुटनों को पूरी जिंदगी रखना है मजबूत तो दौड़ने में ना करें कंजूसी

न्यूयॉर्क:

आम धारणा के विपरीत दौड़ने से घुटने के जोड़ों में सूजन कम होती है और यह ऑस्टियोअर्थराइटिस की प्रक्रिया को भी धीमा करता है. एक शोध में यह बात सामने आई है. अमेरिका के यूटा में ब्रिघम यंग विश्वविद्यालय में व्यायाम विज्ञान के सहायक प्रोफेसर व शोध के सहलेखक मैट सीली ने कहा कि यह विचार की लंबी दूरी की दौड़ आपके घुटनों के लिए बुरा है, एक मिथक हो सकता है.

शोध का प्रकाशन पत्रिका 'यूरोपियन जर्नल ऑफ एप्लाइड साइकॉलोजी' में किया गया है. इसमें शोधकर्ताओं ने सूजन पैदा करने वाले घुटनों के जोड़ों के द्रवों का कई स्वस्थ महिलाओं और पुरुषों में माप किया. इनकी उम्र 18-35 के बीच रही. इसे दौड़ने के बाद और पहले दोनों समय मापा गया.

शोधकर्ताओं ने पाया कि सिनोवियल द्रव से निकाले गए विशेष चिन्हक- दो साइटोकाइंस जीएम-सीएसएफ और आईएल-15 की प्रतिभागियों में दौड़ने के 30 मिनट बाद इनकी मात्रा में कमी हुई. जब यही द्रव बिना दौड़ लगाए स्थितियों में पहले और बाद में निकाले गए तो सूजन चिन्हक एक समान स्तर पर ही रहे.

ब्रिघम यंग विश्वविद्यालय में हुए शोध के प्रमुख लेखक राबर्ट हाल्डॉल ने कहा कि हमें पता चला कि युवा, स्वस्थ व्यक्तियों में व्यायाम एक गैर-सूजन वाला वातावरण पैदा करता है जो लंबे समय के लिए जोड़ों के लिए फायदेमंद होता है.

हाल्डॉल के अध्ययन के परिणामों से संकेत मिलता है कि व्यायाम से ऑस्टियोअर्थाइटिस जैसे रोगों में जोड़ों में अपक्षय वाली बीमारियों में देरी से शुरुआत में मददगार होते हैं.


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