विज्ञापन

Republic day 2025 : देशभक्ति कविताएं और गीत भेजकर दीजिए अपनों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

हम यहां पर आपको देशभक्ति से जुड़ी कुछ कविताएं और गीत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और कलीग्स को भेजकर गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं. 

Republic day 2025 : देशभक्ति कविताएं और गीत भेजकर दीजिए अपनों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
आप शाहरुख खान और प्रीति जिंटा अभिनीत फिल्म 'वीर-जारा' का 'ऐसा देश है मेरा' गाना भेजकर बधाई दे सकते हैं.

Republic day wishes 2025 : इस साल देश 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. साल 1950 में 26 जनवरी के दिन भारत का संविधान लागू हुआ और देश लोकतांत्रिक देश बना था. तब से ही हर साल 26 जनवरी को स्कूल, कॉलेज, सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरों और संस्थाओं में झंडारोहण और देशभक्ति से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन अपने-अपने तरीके से लोग गणतंत्र दिवस को सेलिब्रेट करते हैं, जिसमें से एक है सोशल मीडिया और एसएमएस के माध्यम से एक दूसरे को बधाई संदेश देना. इसके लिए हम यहां पर आपको देशभक्ति से जुड़ी कुछ कविताएं और गीत के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और कलीग्स को भेजकर गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं. 

Walking benefits : 1 घंटे की वॉक करके आप 1 महीने में कितना वजन कर सकते हैं कम, जानिए यहां

देशभक्ति गीत

ऐसा देश है मेरा

आप शाहरुख खान और प्रीति जिंटा अभिनीत फिल्म 'वीर-जारा' का 'ऐसा देश है मेरा' गाना भेजकर बधाई दे सकते हैं. इस गीत को लता मंगेशकर और उदित नारायण ने गाया है.

मेरे देश की धरती सोना उगले

यह गीत 1967 में आई फिल्म 'उपकार' का है जिसमें मनोज कुमार मुख्य भूमिका में थे. इस गीत को गाया था महेंद्र कपूर ने.

देश मेरा रंगीला

यह गीत 2006 में आई फ़िल्म 'फना' का है. इस फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं काजल और आमिर खान. इस देशभक्ति गीत को गाया है महालक्ष्मी अय्यर ने. 


देशभक्ति कविता

पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

कवि- शिवमंगल 'सिंह' सुमन कविता

जीवन के कुसुमित उपवन में
गुंजित मधुमय कण-कण होगा

शैशव के कुछ सपने होंगे
मदमाता-सा यौवन होगा

यौवन की उच्छृंखलता में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं।

पथ में काँटे तो होंगे ही
दूर्वादल, सरिता, सर होंगे

सुंदर गिरि, वन, वापी होंगी
सुंदर सुंदर निर्झर होंगे

सुंदरता की मृगतृष्णा में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

मधुवेला की मादकता से
कितने ही मन उन्मन होंगे

पलकों के अंचल में लिपटे
अलसाए से लोचन होंगे

नयनों की सुघड़ सरलता में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

साक़ीबाला के अधरों पर
कितने ही मधुर अधर होंगे

प्रत्येक हृदय के कंपन पर
रुनझुन-रुनझुन नूपुर होंगे

पग पायल की झनकारों में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

यौवन के अल्हड़ वेगों में
बनता मिटता छिन-छिन होगा

माधुर्य्य सरसता देख-देख
भूखा प्यासा तन-मन होगा

क्षण भर की क्षुधा पिपासा में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

जब विरही के आँगन में घिर
सावन घन कड़क रहे होंगे

जब मिलन-प्रतीक्षा में बैठे
दृढ़ युगभुज फड़क रहे होंगे

तब प्रथम-मिलन उत्कंठा में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

जब मृदुल हथेली गुंफन कर
भुज वल्लरियाँ बन जाएँगी

जब नव-कलिका-सी
अधर पँखुरियाँ भी संपुट कर जाएँगी

तब मधु की मदिर सरसता में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

जब कठिन कर्म पगडंडी पर
राही का मन उन्मुख होगा

जब सब सपने मिट जाएँगे
कर्तव्य मार्ग सन्मुख होगा

तब अपनी प्रथम विफलता में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

अपने भी विमुख पराए बन कर
आँखों के सन्मुख आएँगे

पग-पग पर घोर निराशा के
काले बादल छा जाएँगे

तब अपने एकाकी-पन में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

जब चिर-संचित आकांक्षाएँ
पलभर में ही ढह जाएँगी

जब कहने सुनने को केवल
स्मृतियाँ बाक़ी रह जाएँगी

विचलित हो उन आघातों में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

हाहाकारों से आवेष्टित
तेरा मेरा जीवन होगा

होंगे विलीन ये मादक स्वर
मानवता का क्रंदन होगा

विस्मित हो उन चीत्कारों
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

रणभेरी सुन कह ‘विदा, विदा!
जब सैनिक पुलक रहे होंगे

हाथों में कुंकुम थाल लिए
कुछ जलकण ढुलक रहे होंगे

कर्तव्य प्रणय की उलझन में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

वेदी पर बैठा महाकाल
जब नर बलि चढ़ा रहा होगा

बलिदानी अपने ही कर सेना
निज मस्तक बढ़ा रहा होगा

तब उस बलिदान प्रतिष्ठा में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

कुछ मस्तक कम पड़ते होंगे
जब महाकाल की माला में

माँ माँग रही होगी आहुति
जब स्वतंत्रता की ज्वाला में

पलभर भी पड़ असमंजस में
पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

पुष्प की अभिलाषा

कवि- माखनलाल चतुर्वेदी

चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ।
चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ॥

चाह नहीं, सम्राटों के शव पर, हे हरि, डाला जाऊँ।
चाह नहीं, देवों के सिर पर चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ॥

मुझे तोड़ लेना वनमाली!
उस पथ में देना तुम फेंक॥

मातृ-भूमि पर शीश चढ़ाने।
जिस पथ जावें वीर अनेक॥


 


 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com