रॉ और रेगलुर शहद में कौन-सा है बेहतर?
नई दिल्ली:
शहद चीनी के मुकाबले ज़्यादा फायदेमंद होता है. इसी वजह से डॉक्टर हमें चीनी की जगह शहद खाने की सलाह देते हैं. डाइट चार्ट फॉलो करने वाले लोग या फिर वजन कम करने वाले लोग गर्म पानी के साथ शहद खाते हैं. इसके लिए बाज़ार के डब्बों में आने वाले रेगुलर हनी का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, कुछ लोग रॉ हनी का भी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आपको मालूम है इन दोनों में क्या फर्क है? क्यों कुछ लोग रॉ और कुछ रेगुलर शहद का इस्तेमाल करते हैं. यहां जानें क्या है दोनों में फर्क और कौन-सा शहद है सेहत के लिए फायदेमंद.
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रॉ हनी
सीधा मधुमक्खी के छत्ते से निकले शहद को रॉ हनी कहा जाता है. इसे सिर्फ छत्ते से निकालने के बाद नायलॉन के कपड़े में छानकर खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है. छानने से इसमें से सारी गैर-जरूरी चीज़ें जैसे बीवैक्स और मरी हुई मधुमक्खियां निकल जाती हैं. इसके अलावा इसे किसी भी फिल्टर से नहीं गुज़ारा जाता. इसीलिए यह सबसे शुद्ध माना जाता है.
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रेगुलर हनी
वहीं, रेगुलर शहद को बहुत सारे मशीनी प्रोसेस से गुज़ारा जाता है. इसे कई बार फिल्टर किया जाता है इसे गर्म कर इसमें से यीस्ट निकालकर शहद की उम्र बढ़ाई जाती है. ताकि यह लंबे समय तक इस्तेमाल में लाया जा सके. वहीं, कई खराब और सस्ते ब्रैंड इसमें चीनी मिला देते है. चीनी की वजह से इसमें शहद के गुण कम हो जाते हैं.
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कौन-सा है ज्यादा हेल्दी?
दोनों में से रॉ हनी में ज़्यादा पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसमें 22 तरह के अमीनो एसिड और 31 अलग तरह के मिनरल्स और विटामिन्स पाए जाते हें. इसके साथ ही इसमें 30 तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स भी मौजूद होते हैं. जिस वजह से यह दिल सबंधी बीमारियों और कैंसर के खतरे से शरीर की रक्षा करता है. वहीं, रेगुलर शहद के फिल्टर प्रोसेस की वजह से कई पोषक तत्व मर जाते हैं.
कई अध्ययनों से पता चला है कि रॉ हनी में रेगुलर शहद के मुकाबले 4.3 गुना ज़्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं. वहीं, चीनी मिला रेगुलर शहद सेहत के लिए अच्छा नहीं होता.
तो अगर, आप चीनी को छोड़कर हेल्दी लाइफ फॉलो करना चाहते हैं तो रॉ हनी चुनें. वहीं, अगर आपको इससे कुछ एलर्जी हो तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही अपने लिए सही शहद चुनें.
देखें वीडियो - दूषित शहद बेच रही हैं कंपनियां
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रॉ हनी
सीधा मधुमक्खी के छत्ते से निकले शहद को रॉ हनी कहा जाता है. इसे सिर्फ छत्ते से निकालने के बाद नायलॉन के कपड़े में छानकर खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है. छानने से इसमें से सारी गैर-जरूरी चीज़ें जैसे बीवैक्स और मरी हुई मधुमक्खियां निकल जाती हैं. इसके अलावा इसे किसी भी फिल्टर से नहीं गुज़ारा जाता. इसीलिए यह सबसे शुद्ध माना जाता है.
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रेगुलर हनी
वहीं, रेगुलर शहद को बहुत सारे मशीनी प्रोसेस से गुज़ारा जाता है. इसे कई बार फिल्टर किया जाता है इसे गर्म कर इसमें से यीस्ट निकालकर शहद की उम्र बढ़ाई जाती है. ताकि यह लंबे समय तक इस्तेमाल में लाया जा सके. वहीं, कई खराब और सस्ते ब्रैंड इसमें चीनी मिला देते है. चीनी की वजह से इसमें शहद के गुण कम हो जाते हैं.
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दोनों में से रॉ हनी में ज़्यादा पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसमें 22 तरह के अमीनो एसिड और 31 अलग तरह के मिनरल्स और विटामिन्स पाए जाते हें. इसके साथ ही इसमें 30 तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स भी मौजूद होते हैं. जिस वजह से यह दिल सबंधी बीमारियों और कैंसर के खतरे से शरीर की रक्षा करता है. वहीं, रेगुलर शहद के फिल्टर प्रोसेस की वजह से कई पोषक तत्व मर जाते हैं.
कई अध्ययनों से पता चला है कि रॉ हनी में रेगुलर शहद के मुकाबले 4.3 गुना ज़्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं. वहीं, चीनी मिला रेगुलर शहद सेहत के लिए अच्छा नहीं होता.
तो अगर, आप चीनी को छोड़कर हेल्दी लाइफ फॉलो करना चाहते हैं तो रॉ हनी चुनें. वहीं, अगर आपको इससे कुछ एलर्जी हो तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही अपने लिए सही शहद चुनें.
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