
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पीआरपी थेरेपी से त्वचा की खोई हुई प्राकृतिक चमक वापस आती है.
पीआरपी थेरेपी एक साधारण प्रक्रिया है.
एक से अधिक बार की जाती है पीआरपी थेरेपी.
उन्होंने कहा कि प्लेटलेट्स रक्त में पाई जाने वाली एक प्रकार की कोशिकाएं हैं. इनमें वृद्धि करने की शक्ति होती है और वे चोट के क्षेत्र में थक्का बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं, इसलिए रक्तस्राव रोक देती हैं. प्लाज्मा रक्त का तरल हिस्सा है.
एक साधारण प्रक्रिया है पीआरपी थेरेपी
धीर ने कहा कि यह एक साधारण प्रक्रिया है और एक से दो घंटे के वक्त में की जा सकती है. लोकल एनेस्थेटिक क्रीम को चेहरे या जिस भी हिस्से का इलाज किया जाना है, वहां लगाया जाता है और उसे करीब 1 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है. इसी बीच हाथ की बड़ी नसों में से एक में से 10-20 मिली रक्त निकाला जाता है और लाल रक्त कणिकाओं व अन्य में से प्लेटलेट्स एवं प्लाज्मा को अलग करने के लिए अपकेंद्रित किया जाता है.
उन्होंने कहा कि प्लेटलेट और प्लाज्मा युक्त इस फ्लूइड को बहुत ही बारीक सूई का इस्तेमाल कर त्वचा के भीतर डाल दिया जाता है. इससे प्लेटलेट के वृद्धि के कारक और साइटोकींस में तेजी आती है जिससे सुधार की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है और कोलाजन बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है.
यह भी पढ़ें: रोजाना मेकअप करने वाली लड़कियां सावधान, हो सकती है ये समस्याएं
एक से अधिक बार की जाती है पीआरपी थेरेपी
अनूप धीर ने कहा कि कोलाजन त्वचा की मदद करता है और बारीक लकीरों और झुर्रियों में सुधार होता है. सुधार की प्रक्रिया से रक्त प्रवाह, त्वचा की टोन और टेक्स्चर बेहतर होता है और त्वचा को सेहतमंद और युवा चमक मिलती है. पीआरपी थेरेपी एक से अधिक बार की जाती है और सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने के लिए इसकी सलाह दी जाती है.
थेरेपी के बाद इन बातों का रखें ख्याल
प्रक्रिया के बाद त्वचा को मामूली रूप से कुछ नुकसान देखने को मिल सकता है. अच्छी तरह सुधार के लिए त्वचा को कुछ दिनों तक सूर्य की रोशनी से बचाना महत्वपूर्ण है. फैक्टर 50 सनब्लॉक क्रीम का इस्तेमाल लाभदायक साबित हो सकता है.
लाइफस्टाइल से जुड़ी अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं