Personality Development: अक्सर ही व्यक्ति से बातचीत करने पर ही उसके कोंफिडेंट होने या ना होने का पता चलता है. अगर आपके आस-पास ऐसे लोग हैं जो खुद को कोंफिडेंट दिखाने की कोशिश करते हैं और आपको कोई सलाह देते हैं तो उनकी बातों को सुनकर आप समझ सकते हैं कि वे खुद अपनी सलाह को लेकर कोंफिडेंट हैं या नहीं. किसी भी बड़े काम को करने से पहले खासतौर से निर्णय लेने वाले व्यक्ति के आत्मविश्वास (Self Confidence) को ही देखा जाता है. ऐसे में अगर आप खुद भी किसी के सामने कोंफिडेंट दिखना चाहते हैं तो इस तरह की बातें अपनी कॉन्वर्सेशन में कहने से पहरेज कर सकते हैं.
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आत्मविश्वास की कमी जताने वाली बातें
चाहे घर हो, ऑफिस हो, कोई दोस्त बोल रहा हो या फिर कोई कुलीग, यहां वो बातें या पंक्तियां दी गई हैं जिनसे पता चलता है कि सामने वाले व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी है.
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"मैं श्योर नहीं हूं, आप देख लीजिए"जब किसी तरह का डिस्कशन चल रहा हो और निर्णय लेने के लिए सामने वाले व्यक्ति से उसकी राय मांगी जाय तो उससे श्योर होने की उम्मीद की जाती है. लेकिन, अगर व्यक्ति यह कह दे कि मैं श्योर नहीं हूं, आप देख लीजिए, तो व्यक्ति के अंडरकोंफिडेंट होने की झलक मिलती है.
"हो सकता है"किसी बातचीत में बार-बार यह कहा जाए कि हो सकता है, या इंग्लिश में 'आई गेस' कहा जाए तो पता चलता है कि व्यक्ति में कोंफिडेंस की कमी है. आई गेस कहने से साफ पता चलता है कि व्यक्ति को लगता है कि ऐसा हो सकता है लेकिन ऐसा है नहीं या नहीं होगा, जो कि उसकी कंफ्यूजन (Confusion) को जताता है.
"हो सकता है मैं गलत हूं, पर..."अपनी पूरी राय देने के बाद अगर कोई यह कहता है कि हो सकता है मैं गलत हूं, पर.. तो इसका साफ मतलब होता है कि व्यक्ति अपनी बात को लेकर कोंफिडेंट नहीं हैं.
"तुम करोगे तो ज्यादा अच्छा होगा"अगर आपको कोई व्यक्ति किसी काम को लेकर अपना बड़ा सा या कहें शानदार प्लान बताए और फिर आपको ही कहे कि देखो, ये काम तुम करोगे तो ज्यादा अच्छा होगा, तो जायजतौर पर यह वाक्य व्यक्ति के अपने शक को और उस काम को लेकर श्योर ना होने को जताता है. इस तरह की बात आपको खुद को भी किसी से नहीं कहनी चाहिए और यह कहना चाहिए कि मैं शायद इस काम के लिए स्किल्ड नहीं हूं.
"तुक्का लग गया था"इस पंक्ति से तो साफ-साफ पता चलता है कि व्यक्ति आत्मविश्वास की कमी (Lack Of Confidence) के कारण अपने ही काम का श्रेय नहीं ले रहा है या अपनी मेहनत को तुक्का कह रहा है. इसीलिए अगर आपके खुद के काम की भी प्रशंसा हो रही है तो श्रेय लेने से ना झिझकें और इसे तुक्का या किस्मत का नाम ना दें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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