नारंगी पासपोर्ट के बारे में सबकुछ
नई दिल्ली:
भारत में हर रोज़ कई लोग हवाई यात्रा कर विदेशों में जाते हैं. कोई घूमने के मकसद से तो कोई काम के लिए. इस यात्रा के लिए टिकट के साथ सबसे ज़रूरी चीज़ होता है पासपोर्ट. इसमें यात्री की राष्ट्रियता के साथ उसका घर, पता और परिवार की जानकारी मौजूद होती है. यात्रा के अलावा लोग पासपोर्ट को पहचान पत्र की तरह भी इस्तेमाल करते हैं. लेकिन अब कुछ लोग ऐसा नहीं कर पाएंगे.
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भारत सरकार अब ऐसे पासपोर्ट लाने की तैयारी में है जिन्हें पहचान पत्र की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. क्योंकि पहले की तरह इस नए पासपोर्ट के आखिरी पन्ने पर आपकी जानकारी नहीं होगी.
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क्या है नारंगी पासपोर्ट?
अब तक सभी आम लोगों के पास नीले रंग के पासपोर्ट रहे हैं, जिसमें ईसीआर और ईसीएनआर दोनों कैटेगरी के लोगों को शामिल किया जाता रहा है. लेकिन इस नारंगी रंग के पासपोर्ट में ईसीआर लोगों को ही शामिल किया जाएगा. सिर्फ इस रंग के माध्यम के ही पता लगा लिया जाएगा कि आपको विदेश जाने से पहले पास करने वाली 14 तरह की योग्यताओं के लिए बिठाया जाएगा. इससे चेकिंग डिपार्टमेंट का वक्त बचेगा और रंग से ही आपकी योग्यता पहचान ली जाएगी.
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क्या होता है ईसीआर और ईसीएनआर?
कम पढ़े लिखे और अकुशल रूप से कमज़ोर लोगों को ईसीआर (एमिग्रेशन चेक रिक्यायर्ड) कैटेगरी में रखा जाता है. इस कैटेगरी का मतलब है कि व्यक्ति को हर बार विदेश जाने से पहले आप्रवासन विभाग से मंजूरी या टेस्ट को क्लीयर करना पड़ेगा. ऐसे लोगों को विदेशों में जाकर काम करने के लिए लगभग 14 टेस्टों को क्लीयर करना पड़ता है या 14 कैटेगरी के योग्य होना पड़ता है. एक भी टेस्ट में फेल होने पर उस वक्त विदेश जाने के सपने पर ब्रेक लग जाता है. वहीं, ईसीएनआर में आने वाले लोग 14 कैटेगरी के लिए पहले से योग्य होते हैं. वहीं, ईसीआर कैटेगरी में आने वाले लोग 10वीं कक्षा से कम पढ़े होते हैं. या फिर उनके पास शैक्षणिक प्रमाण-पत्र मौजूद नहीं होता.
राहुल गांधी ने माना लोगों का अपमान
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सरकार के इस कदम को लोगों के लिए अपमानजनक माना. उनके मुताबिक विदेशों में इससे लोगों की शैक्षणिक योग्यता पासपोर्ट देखकर ही जांच ली जाएगी.
अभी तक मौजूद हैं तीन तरह के पासपोर्ट
अभी तक नीला, सफेद और मरून रंग के पासपोर्ट मौजूद हैं. मरून रंग वाला पासपोर्ट देश के सबसे बड़े लोग जैसे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के जज और आधिकारिक तौर पर सयुंक्त सचिव के पद पर मौजूद लोगों को दिया जाता है. सफेद रंग का पासपोर्ट सयुंक्त सचिव से नीचे वाले लोग और सरकारी अधिकारियों को दिया जाता है. वहीं, नीला रंग का पासपोर्ट भारत के आम नागरिकों को दिया जाता है.
नहीं कर सकेंगे पहचान पत्र की तरह इस्तेमाल
मार्च महीने से जारी होने वाले नारंगी पासपोर्ट पर अब पासपोर्ट धारक के घर, माता-पिता या पति-पत्नी की जानकारी नहीं होगी. सरकार ये फैसला विदेश जाने वाले लोगों की जानकारियों को सुरक्षित रखने मकसद से होगा. साथ ही इस पासपोर्ट को पास करने वाली कमिटी का ये भी कहना है कि इससे सिंगल पेरेंट्स और गोद लिए हुए बच्चों को बार-बार चेकिंग की प्रक्रिया से बचाया जाता सकेगा. लेकिन सभी की जानकारी पासपोर्ट ऑफिस में ज़रूर होगी.
देखें वीडियो - पासपोर्ट के नियमों में किया गया बदलाव, बर्थ सर्टिफिकेट के लिए स्वीकार होगा आधार
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भारत सरकार अब ऐसे पासपोर्ट लाने की तैयारी में है जिन्हें पहचान पत्र की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. क्योंकि पहले की तरह इस नए पासपोर्ट के आखिरी पन्ने पर आपकी जानकारी नहीं होगी.
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क्या है नारंगी पासपोर्ट?
अब तक सभी आम लोगों के पास नीले रंग के पासपोर्ट रहे हैं, जिसमें ईसीआर और ईसीएनआर दोनों कैटेगरी के लोगों को शामिल किया जाता रहा है. लेकिन इस नारंगी रंग के पासपोर्ट में ईसीआर लोगों को ही शामिल किया जाएगा. सिर्फ इस रंग के माध्यम के ही पता लगा लिया जाएगा कि आपको विदेश जाने से पहले पास करने वाली 14 तरह की योग्यताओं के लिए बिठाया जाएगा. इससे चेकिंग डिपार्टमेंट का वक्त बचेगा और रंग से ही आपकी योग्यता पहचान ली जाएगी.
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क्या होता है ईसीआर और ईसीएनआर?
कम पढ़े लिखे और अकुशल रूप से कमज़ोर लोगों को ईसीआर (एमिग्रेशन चेक रिक्यायर्ड) कैटेगरी में रखा जाता है. इस कैटेगरी का मतलब है कि व्यक्ति को हर बार विदेश जाने से पहले आप्रवासन विभाग से मंजूरी या टेस्ट को क्लीयर करना पड़ेगा. ऐसे लोगों को विदेशों में जाकर काम करने के लिए लगभग 14 टेस्टों को क्लीयर करना पड़ता है या 14 कैटेगरी के योग्य होना पड़ता है. एक भी टेस्ट में फेल होने पर उस वक्त विदेश जाने के सपने पर ब्रेक लग जाता है. वहीं, ईसीएनआर में आने वाले लोग 14 कैटेगरी के लिए पहले से योग्य होते हैं. वहीं, ईसीआर कैटेगरी में आने वाले लोग 10वीं कक्षा से कम पढ़े होते हैं. या फिर उनके पास शैक्षणिक प्रमाण-पत्र मौजूद नहीं होता.
राहुल गांधी ने माना लोगों का अपमान
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सरकार के इस कदम को लोगों के लिए अपमानजनक माना. उनके मुताबिक विदेशों में इससे लोगों की शैक्षणिक योग्यता पासपोर्ट देखकर ही जांच ली जाएगी.
अभी तक मौजूद हैं तीन तरह के पासपोर्ट
अभी तक नीला, सफेद और मरून रंग के पासपोर्ट मौजूद हैं. मरून रंग वाला पासपोर्ट देश के सबसे बड़े लोग जैसे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के जज और आधिकारिक तौर पर सयुंक्त सचिव के पद पर मौजूद लोगों को दिया जाता है. सफेद रंग का पासपोर्ट सयुंक्त सचिव से नीचे वाले लोग और सरकारी अधिकारियों को दिया जाता है. वहीं, नीला रंग का पासपोर्ट भारत के आम नागरिकों को दिया जाता है.
नहीं कर सकेंगे पहचान पत्र की तरह इस्तेमाल
मार्च महीने से जारी होने वाले नारंगी पासपोर्ट पर अब पासपोर्ट धारक के घर, माता-पिता या पति-पत्नी की जानकारी नहीं होगी. सरकार ये फैसला विदेश जाने वाले लोगों की जानकारियों को सुरक्षित रखने मकसद से होगा. साथ ही इस पासपोर्ट को पास करने वाली कमिटी का ये भी कहना है कि इससे सिंगल पेरेंट्स और गोद लिए हुए बच्चों को बार-बार चेकिंग की प्रक्रिया से बचाया जाता सकेगा. लेकिन सभी की जानकारी पासपोर्ट ऑफिस में ज़रूर होगी.
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