जन्म के समय ज्यादा वजन वाले बच्चों में बाद में मोटापा होने की संभावना ज्यादा होती है. नवजात बच्चों में खतरों की पहचान करने से चिकित्सक माता-पिता के साथ मिलकर वजन व अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के बढ़ने को रोक सकते हैं.
अमेरिका के वर्जिनिया विश्वविद्यालय के चिल्ड्रेंस अस्पताल के मार्क डेबोयर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि ये आकड़े चिकित्सकों व परिवारों को उनके छोटे बच्चों में बाद में वजन संबंधी समस्याओं से बचने में स्वस्थ जीवनशैली से जुड़े फैसले लेने में मदद करेंगे.
इस शोध का प्रकाशन पत्रिका 'पीडियाट्रिक ओबेसिटी' में किया गया है. इसमें अमेरिका के 10,186 बच्चों का अध्ययन किया गया है. इसमें समय से पहले और समय पर जन्मे दोनों तरह के बच्चों का अध्ययन किया गया.
जन्म के तय अवधि पर अधिक वजन के साथ पैदा होने वाले बच्चों में किंडरगार्टन में अपने समकक्ष औसत भार वाले बच्चों की तुलना में मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना ज्यादा होती है. इसी तरह मोटापे की संभावना समय पूर्व पैदा हुए बच्चों में भी होती है.
ऐसे बच्चे जिनका जन्म के समय वजन 4.5 किलों से ज्यादा होता है, उनमें किंडरगार्टन में अपने औसत वजन वाले बच्चों की तुलना में 69 फीसदी ज्यादा मोटापा होने की संभावना होती है.
अमेरिका के वर्जिनिया विश्वविद्यालय के चिल्ड्रेंस अस्पताल के मार्क डेबोयर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि ये आकड़े चिकित्सकों व परिवारों को उनके छोटे बच्चों में बाद में वजन संबंधी समस्याओं से बचने में स्वस्थ जीवनशैली से जुड़े फैसले लेने में मदद करेंगे.
इस शोध का प्रकाशन पत्रिका 'पीडियाट्रिक ओबेसिटी' में किया गया है. इसमें अमेरिका के 10,186 बच्चों का अध्ययन किया गया है. इसमें समय से पहले और समय पर जन्मे दोनों तरह के बच्चों का अध्ययन किया गया.
जन्म के तय अवधि पर अधिक वजन के साथ पैदा होने वाले बच्चों में किंडरगार्टन में अपने समकक्ष औसत भार वाले बच्चों की तुलना में मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना ज्यादा होती है. इसी तरह मोटापे की संभावना समय पूर्व पैदा हुए बच्चों में भी होती है.
ऐसे बच्चे जिनका जन्म के समय वजन 4.5 किलों से ज्यादा होता है, उनमें किंडरगार्टन में अपने औसत वजन वाले बच्चों की तुलना में 69 फीसदी ज्यादा मोटापा होने की संभावना होती है.
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