
Natural Remedies For Cavities: क्या आप भी आइसक्रीम, ठंडा पानी या गर्म चाय पीते ही दांतों में तेज झनझनाहट महसूस करते हैं? दांतों की यह समस्या जिसे डेंटल सेंसिटिविटी (Teeth Sensitivity Remedy) कहा जाता है, आज लाखों लोगों को परेशान कर रही है. अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन समय पर ध्यान न देने से यह समस्या कैविटी, मसूड़ों की बीमारी और दांतों की सड़न (cavity natural cure) तक ले जा सकती है.
क्यों होती है दांतों में सेंसिटिविटी? (cold hot sensation teeth)
दांतों पर एक सुरक्षात्मक परत होती है, जिसे इनेमल कहते हैं. जब यह परत घिस जाती है या कमजोर हो जाती है, तो ठंडा-गर्म सीधा नसों तक पहुंचने लगता है और झनझनाहट या दर्द होता है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं.
- दांतों का घिसना.
- ज्यादा खट्टी चीजें खाना.
- कैविटी.
- मसूड़ों की बीमारी.

Photo Credit: ians
योगाचार्य का उपाय – शीतकारी प्राणायाम (home remedy for tooth pain)
योगाचार्य विश्वेद के अनुसार, अगर आपके दांतों में ठंडा-गर्म लगता है, तो आपको किसी महंगे डेंटिस्ट या स्पेशल टूथपेस्ट की जरूरत नहीं है. बस शीतकारी प्राणायाम करना शुरू कर दीजिए. उनका दावा है कि, अगर इसे रोज़ाना किया जाए तो 15 दिन में दांतों की झनझनाहट और दर्द से राहत मिल सकती है.

शीतकारी प्राणायाम करने का तरीका (Sheetkari Pranayama for teeth)
- पैरों को मोड़कर आराम से सीधा बैठें और रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी रखें.
- दांतों को हल्का भींचते हुए धीरे-धीरे लंबी सांस अंदर खींचें.
- मुंह बंद रखते हुए सांस को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें.
- सांस दांतों से सटकर जानी चाहिए.
इसके फायदे क्या मिलते हैं? (Daanto ki sensitivity treatment)
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शीतकारी प्राणायाम करने से:-
- दांतों को अधिक ऑक्सीजन मिलती है.
- जर्म्स और बैक्टीरिया खत्म होते हैं.
- दांत मजबूत होते हैं और ठंडा-गर्म लगना बंद हो जाता है.
- लगातार अभ्यास से कैविटी बनने का खतरा भी कम हो जाता है.
कितना समय करना चाहिए? (cavity ka gharelu upay)
अगर आप जल्दी परिणाम चाहते हैं, तो सुबह और शाम 5-5 मिनट शीतकारी प्राणायाम करें. योगाचार्य का दावा है कि इसे करने से न सिर्फ ठंडा-गर्म लगना बंद होगा, बल्कि दांतों में कभी कीड़ा भी नहीं लगेगा.

घरेलू उपाय भी आएंगे काम (Teeth sensitivity remedy)
- नमक और गुनगुना पानी से कुल्ला करें.
- सरसों का तेल और नमक मसूड़ों पर मलें.
- लौंग का तेल दांतों पर लगाएं.
- हल्दी का पेस्ट मसूड़ों पर लगाकर सूजन कम करें.
- सेंसिटिविटी टूथपेस्ट (फ्लोराइड और पोटैशियम नाइट्रेट वाला) इस्तेमाल कर सकते हैं.
दांतों की सेंसिटिविटी और दर्द आज हर उम्र के लोगों की समस्या बन चुकी है, लेकिन सही देखभाल और योग के जरिए आप दांतों (teeth me thanda garam lagna) को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं. शीतकारी प्राणायाम न सिर्फ दांतों को मजबूत बनाता है, बल्कि बिना किसी दवा के सिर्फ 15 दिन में झनझनाहट और दर्द से छुटकारा दिला सकता है
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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