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This Article is From Dec 24, 2021

Taapsee Pannu ने बताया कैसे वह पीरियड ट्रैकिंग ऐप के जरिए रखती हैं हर जरूरी बात का ध्यान

'नाम शबाना' और 'पिंक' जैसी वुमेन ओरिएंटेड फ़िल्में कर चुकीं तापसी पन्नू कहती हैं कि न जाने लोग पीरियड्स को इतनी बड़ी बात क्यों बनाते हैं, यह बहुत ही नेचुरल है. 

Taapsee Pannu ने बताया कैसे वह पीरियड ट्रैकिंग ऐप के जरिए रखती हैं हर जरूरी बात का ध्यान
इस तरह का ऐप न ही सिर्फ आपको पीरियड डेट की याद दिलाता है बल्कि और भी काफी कुछ करता है.

समय बदल रहा है और इसके साथ ही समाज में पीरियड जैसे विषय को लेकर सोच भी. बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू इस बारे में खुल कर न ही सिर्फ बात कर रही हैं बल्कि महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति सजग भी कर रही हैं. 'नाम शबाना' और 'पिंक' जैसी वुमेन ओरिएंटेड फ़िल्में कर चुकीं तापसी पन्नू कहती हैं कि न जाने लोग पीरियड्स को इतनी बड़ी बात क्यों बनाते हैं, यह बहुत ही नेचुरल है जिसे हर लड़की फेस करती है. तापसी कहती हैं कि आज के जमाने में औरतें घर के कामों के अलावा और भी बहुत सारे कामों में व्यस्त रहती हैं, ऐसे में वे कई बार ये भूल जाती हैं कि उनका पीरियड डेट आस-पास है. ऐसे में ये पीरियड ट्रैकिंग ऐप याद दिलाएगा कि आप का बेस्ट फ्रेंड जल्द ही आपसे मिलने आ रहा है. इस तरह का ऐप न ही सिर्फ आपको पीरियड डेट की याद दिलाता है बल्कि और भी काफी कुछ करता है.

period dos donts

ये समझना होगा कि पीरियड कोई श्राप नहीं

तापसी का कहना है कि पीरियड को लेकर जो स्टिग्मा है अब उससे छुटकारा पाने का समय आ गया है, क्योंकि इसे लेकर पर्याप्त शिक्षा और शोध है जो यह बताता है कि पीरियड एक अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है और इससे शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है. ऐसा करना तभी संभव हो पाएगा जब हम पीरियड को एक प्राकृतिक घटना मानेंगे, न कि कोई बीमारी. ऐसा करने पर ही हम वास्तव में पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं और समाधानों को समझ सकते हैं.

पुरुषों को भी होना चाहिए पीरियड्स पर ज्ञान

तापसी कहती हैं कि पुरुषों को भी इस विषय पर शिक्षित और जागरूक किया जा रहा है ताकि वे महिलाओं का दर्द समझ सकें, ना कि उनका मज़ाक उड़ाए. ज्यादातर समय महिलाएं अपने आसपास के पुरुषों की वजह से पीरियड्स के बारे में बात करने से कतराती हैं, उन्हें लगता है कि पुरुष उन्हें इस बारे में अजीब महसूस करा सकते हैं. ऐसे में अगर पुरुषों को इसके बारे में शिक्षित और जागरूक किया जाता है, तो पीरियड्स को लेकर महिलाओं की ऑक्वर्डनेस दूर होगी और इसके बारे में बातचीत नॉर्मल हो जाएगी.

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