बच्‍चों के खान-पान में थोड़ी रोका-टोकी हो सकती है फायदेमंद

बच्‍चों के खान-पान में थोड़ी रोका-टोकी हो सकती है फायदेमंद

अगर आप सोचते हैं कि बच्‍चा जो खाना चाहता है उसे खाने दिया जाए, कम से कम ऐसे वह कुछ तो खा रहा है। लेकिन यह सोच गलत है। परिवार का प्यार भरा साथ, खानपान में हस्तक्षेप और जीवनशैली का परामर्श बच्चे को बेहतर शारीरिक गतिविधियों और संतुलित आहार के लिए प्रेरित कर सकता है। एक नए शोध में यह जानकारी मिली है। शारीरिक गतिविधि और आहार परामर्श के प्रभावों को जानने के लिए शोधार्थियों ने छह-आठ साल के 500 बच्चों का दो साल तक आकलन किया।

यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्टर्न फिनलैंड से अन्ना वितिसालो ने बताया, "अध्ययन में जिन परिवार के बच्चों ने जीवनशैली परामर्श गतिविधि में भाग लिया था, वह इस दौरान ज्‍यादा सक्रिय रहे, उन्होंने भरपूर मात्रा में सब्जियों और पोषक तत्वों का सेवन किया। हालांकि इस दौरान बच्चों का माहौल काफी स्वतंत्रता से भरा रहा।" उच्च प्रभावों की गणना के लिए कुछ सत्रों में बच्चों के अभिभवाकों को भी शामिल किया गया था।

इस अध्ययन की सह लेखक टीमो लक्का ने बताया, "अभिभावकों की व्यक्तिगत भागीदारी बच्चे की जीवशैली का हिस्सा होना चाहिए। इससे बच्चों में कई गैर-संचारी यानी नॉन कम्यूनिकेबल रोग होने का जोखिम कम होता है, जीवनशैली व्यवहारों में सुधार चिकिस्ता में होने वाले खर्चो को भी कम कर सकता है।

यह शोध 'प्रिवेंटिव मेडिसिन' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)