क्या आपका बेबी भी पाउडर वाले दूध पर है निर्भर, शिशु की सेहत के लिए कितना है सही, जानें एक्सपर्ट क्या कहते हैं

Is formula milk is good for kids: ऐसे शिशुओं की संख्या कम नहीं है, जो पूरी तरह से फार्मूला मिल्क यानी पाउडर वाले दूध पर निर्भर रहते हैं. लेकिन जिस पाउडर वाले दूध पर आपका बेबी पूरी तरह से निर्भर रहता है, उससे बारे में जानना जरूरी है.

क्या आपका बेबी भी पाउडर वाले दूध पर है निर्भर, शिशु की सेहत के लिए कितना है सही, जानें एक्सपर्ट क्या कहते हैं

powder milk for baby : ब्रेस्टफीडिंग या फार्मूला फीडिंग.

How good is powdered milk for babies: आज के दौर की लाइफस्टाइल में ऐसे शिशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जो फार्मूला मिल्क (Is formula milk is good for kids) यानी पाउडर वाले दूध पर निर्भर रहते हैं. इसकी वजह कई बार मां का वर्किंग होना भी हो सकता है, तो कई बार इसकी वजह मां की सेहत या कुछ और भी हो सकती है. लेकिन जिस फार्मूला मिल्क पर आपके शिशु (Kids) का खान-पान (Kids Diet) निर्भर करता है. वो आपके बेबी की सेहत के लिए कितना सुरक्षित है आइए से जानते हैं.

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शिशु को पाउडर मिल्क पिलाना सही है या नहीं (Is good to feed powder milk to the baby or not)

फार्मूला मिल्क कितना है सही

जो लोग अपने शिशु के लिए फार्मूला मिल्क को बेहतर मानते हैं, उनको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी (WHO) के अनुसार 0-6 महीने तक के शिशु के लिए केवल मां का दूध ही सर्वोत्तम आहार है. ऐसे में छः माह की उम्र तक शिशु को मां का दूध ही पिलाना चाहिए.

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फार्मूला मिल्क यानी पाउडर वाले दूध के नुकसान
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार स्तनपान करने वाले शिशुओं के मुताबिक फार्मूला दूध का सेवन करने वाले शिशुओं में एलर्जी होने की संभावना ज्यादा होती है. ऐसे में शिशुओं के लिए मां का दूध ही बेहतर होता है. WHO के अनुसार जो कंपनियां फार्मूला मिल्क तैयार करती हैं उनकी जांच की जाएगी.
 

बेबी के लिए मां के दूध के फायदे | Advantages and disadvantages of powder milk


डाइजेशन दुरुस्त रहता है
मां का दूध पीने से शिशु का डाइजेशन बेहतर रहता है. इससे बच्चे को कब्ज की दिक्कत नहीं होती है और पेट भी खराब नहीं होता है. इसके साथ ही मां का दूध प्रोटीन से भरपूर होता है, जो बच्चे के विकास में अच्छी भूमिका निभाता है.

इम्यूनिटी होगी मजबूत
बच्चे की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मां का दूध अहम भूमिका निभाता है. इससे शिशु तमाम तरह के संक्रमण से दूर रहता है और जल्दी-जल्दी बीमार होने से बचा रहता है. इसके साथ ही शिशु के मस्तिष्क विकास में भी मां का दूध अच्छी भूमिका निभाता है.

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कब पिलाना चाहिए मां को दूध
जब भी शिशु को भूख लगे तब मां को स्तनपान करवाना चाहिए. अगर आप ये नहीं समझ पाती हैं कि आपके बेबी को कब भूख लग रही है, तो आपको हर तीन-चार घंटे के अंतराल पर शिशु को ब्रेस्टफीडिंग करवानी चाहिए. इसी तरह से रात के समय में भी बच्चे को स्तनपान करवाया जा सकता है.  

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