मछली के फायदे
नई दिल्ली:
हर मां चाहती है उसके बच्चे को हर वो चीज़ मिले जिससे उसकी बेहतर ग्रोथ हो सके. वो सारे पोषक तत्व मिले जिससे बच्चे का ब्रेन शार्प बन सके ताकि वो आगे चलकर इंटेलिजेंट बनें. उसकी बोन्स मज़बूत हो सके ताकि भविष्य में लगने वाली चोटों से वो अंदर से सुरक्षित रहे. लेकिन अक्सर पेरेंट्स के साथ परेशानी आती है कि कौन-सा फूड बच्चों के लिए कितना अच्छा है और उसे किस मात्रा में खिलाना चाहिए. ऐसा ही एक फूड है मछली.
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हाई-क्वालिटी प्रोटीन, आइरन और मिनरल्स से भरपूर मछली बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होती है. यह उनके दिल और दिमाग दोनों की सेहत को दुरुस्त करती है. सेलमॉन, एनकॉविज़ और सार्डिनेज़ जैसी मछलियों में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3, विटामिन डी और DHA मौजूद होता है. ये गुण बाकि खाद्य पदार्थों से मिल पाना मुश्किल है. वहीं, टूना, कोड, हेलिबट और मैकरेल जैसी मछलियां में भी कई और गुण पाए जाते है.
लेकिन कई मछलियों में मरक्यूरी भी पाई जाती है जो याद रखने की क्षमता को कमज़ोर करती है, नर्व सेल्स को विषैली बनाती है और आंखों को कमज़ोर बनाती है. इससे बचने के लिए बच्चों को सैलमॉन, स्वॉर्डफिश, ऑरेंड रॉफी और टिलापिया जैसी मछलियां खिलाएं, क्योंकि इन मछलियों में मरक्यूरी की मात्रा ना के बराबर होती है. यू.एस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एंड एनवारमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी के सुझाव के अनुसार दो साल तक के बच्चों को हर हफ्ते 30 से 60 ग्राम तक की मात्रा में मछली खिलानी चाहिए. वहीं, इससे बड़े बच्चों में इसकी मात्रा इसी अनुसार बढ़ानी चाहिए.
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ओमेगा-3 फैट्स
फैटी फिश ओमेगा-3 एसिड का बहुत अच्छा सोर्स होती है. बच्चों की दिमागी शक्ति को तेज़ बनाने के लिए यह बहुत ज़रूरी होता है. इसके अलावा मछली में मौजूद भरपूर मात्रा में आयरन, कैल्शियम, ज़िंक और मैग्निशियम भी बच्चों की बढ़ती उम्र के लिए बहुत फायदेमंद होती है.
आंखों और दिमाग के लिए
मछली में मौजूद विटामिन ए, DHA आंखों और दिमाग को मज़बूत बनाते हैं. यह तीनों चीज़ें नए ब्रेन टिश्यूज़ बनाती हैं और आंखों के रेटिना को नरिश करती हैं. इस वजह से दिमाग तेज़ और आंखों में लंबे समय तक विज़न की परेशानी नहीं होती.
याददाश्त बढ़ाए
मछली याददाश्त बढ़ाने के साथ-साथ ADHD (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसॉर्डर) से भी बचाती है. इसके साथ बेहतर नींद भी देता है. जिससे बच्चे सही समय पर सो पाते हैं और दिनभर एक्टिव रहते हैं.
हड्डियों को बनाए मज़बूत
सैलमॉन मछली में मौजूद कैल्किटोनिन नामक प्रोटीन पाया जाता है जो हड्डियों को मज़बूत बनाती है. यह बच्चों की स्ट्रेंथ को बढ़ाती है और किसी भी जॉइंट की परेशानी से भी बचाती है.
देखें वीडियो - सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है फ्लेवर्ड चाय?
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लेकिन कई मछलियों में मरक्यूरी भी पाई जाती है जो याद रखने की क्षमता को कमज़ोर करती है, नर्व सेल्स को विषैली बनाती है और आंखों को कमज़ोर बनाती है. इससे बचने के लिए बच्चों को सैलमॉन, स्वॉर्डफिश, ऑरेंड रॉफी और टिलापिया जैसी मछलियां खिलाएं, क्योंकि इन मछलियों में मरक्यूरी की मात्रा ना के बराबर होती है. यू.एस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एंड एनवारमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी के सुझाव के अनुसार दो साल तक के बच्चों को हर हफ्ते 30 से 60 ग्राम तक की मात्रा में मछली खिलानी चाहिए. वहीं, इससे बड़े बच्चों में इसकी मात्रा इसी अनुसार बढ़ानी चाहिए.
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ओमेगा-3 फैट्स
फैटी फिश ओमेगा-3 एसिड का बहुत अच्छा सोर्स होती है. बच्चों की दिमागी शक्ति को तेज़ बनाने के लिए यह बहुत ज़रूरी होता है. इसके अलावा मछली में मौजूद भरपूर मात्रा में आयरन, कैल्शियम, ज़िंक और मैग्निशियम भी बच्चों की बढ़ती उम्र के लिए बहुत फायदेमंद होती है.
आंखों और दिमाग के लिए
मछली में मौजूद विटामिन ए, DHA आंखों और दिमाग को मज़बूत बनाते हैं. यह तीनों चीज़ें नए ब्रेन टिश्यूज़ बनाती हैं और आंखों के रेटिना को नरिश करती हैं. इस वजह से दिमाग तेज़ और आंखों में लंबे समय तक विज़न की परेशानी नहीं होती.
याददाश्त बढ़ाए
मछली याददाश्त बढ़ाने के साथ-साथ ADHD (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसॉर्डर) से भी बचाती है. इसके साथ बेहतर नींद भी देता है. जिससे बच्चे सही समय पर सो पाते हैं और दिनभर एक्टिव रहते हैं.
हड्डियों को बनाए मज़बूत
सैलमॉन मछली में मौजूद कैल्किटोनिन नामक प्रोटीन पाया जाता है जो हड्डियों को मज़बूत बनाती है. यह बच्चों की स्ट्रेंथ को बढ़ाती है और किसी भी जॉइंट की परेशानी से भी बचाती है.
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