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पार्टी-डांस छोड़ 'Bhajan Clubbing' की ओर बढ़ रहे Gen-Z, जानिए क्या है ये नया ट्रेंड

Bhajan Clubbing Trend: पिछले कुछ समय में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु जैसी जगहों की नाइटलाइफ में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. पब और डिस्को में डांस-पार्टी छोड़कर, युवा अब 'हरे कृष्णा' और 'शिव तांडव' की धुनों पर झूमते हुए नजर आ रहे हैं. इसी ट्रेंड को भजन क्लबिंग का नाम दिया जा रहा है.

पार्टी-डांस छोड़ 'Bhajan Clubbing' की ओर बढ़ रहे Gen-Z, जानिए क्या है ये नया ट्रेंड
क्या है भजन क्लबिंग ट्रेंड?
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Bhajan Clubbing: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और तनाव के बीच, युवा पीढ़ी यानी Gen-Z अपनी जड़ों की ओर वापस लौटती नजर आ रही है. दिलचस्प बात यह कि उनका अंदाज बिल्कुल एडवांस और काफी ज्यादा 'कूल' है. जहां पहले युवा क्लब में लाउड और पॉप म्यूजिक पर वाइब करते थे, वहीं अब भजन क्लबिंग (Bhajan Clubbing) का ट्रेंड तेजी से फैलता हुआ नजर आ रहा है. आइए समझते हैं कि आखिर यह नया ट्रेंड है क्या और Gen-Z इसकी ओर क्यों ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं.

पार्टी-डांस छोड़ भजन क्लबिंग की ओर क्यों बढ़ रहे Gen-Z

पिछले कुछ समय में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु जैसी जगहों की नाइटलाइफ में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. पब और डिस्को में डांस-पार्टी छोड़कर, युवा अब 'हरे कृष्णा' और 'शिव तांडव' की धुनों पर झूमते हुए नजर आ रहे हैं. इसी ट्रेंड को भजन क्लबिंग का नाम दिया जा रहा है. फाइनेंस क्रिएटर निधि गुप्ता ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इसको लेकर वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि Gen-Z अब सोशल मीडिया का कम इस्तेमाल कर रहे हैं और रील लाइफ से हटकर रियल लाइफ पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. साथ ही उन्हें ह्यूमन एक्सपीरिएंस बहुत पसंद आ रहा है. 

कैसे बढ़ा भजन क्लबिंग का ट्रेंड?

फाइनेंस क्रिएटर बताती है कि जहां पहले Gen-Z को ट्रॉमा की फैक्टरी, कामचोर और मॉर्डन कहा जाता था, वही अब अपनी रूट्स की तरफ वापिस आ रहे हैं. उनके अनुसार इस जेनरेशन को न अब 4 घंटे तक पूजा करनी है और न ही रात को 3 बजे तक क्लबिंग करनी है. ऐसे में उन्हें एक मिडिल ग्राउंड चाहिए जहां वाइब, बीट और डिवोशन मौजूद हो. इसी के चलते भजन क्लबिंग ट्रेंड में आ गया.

फेक वेडिंग का भी बढ़ रहा ट्रेंड

Gen-Z के बीच इन दिनों एक नया ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है, जिसका नाम है 'फेक वेडिंग' (Fake Wedding). इस ट्रेंड में तैयारियां एकदम शादी की तरह की जाती है लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इसमें दूल्हा-दुल्हन नहीं होते हैं. इसका मकसद लोगों को शादी जैसा रियल लाइफ एक्सपीरियंस देना है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में रियल लाइफ एक्सपीरियंस से जुड़े ट्रेंड्स काफी तेजी से बढ़ेंगे. ऐसे में अगर आप कोई नया बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं, तो इस कॉन्सेप्ट से जुड़ी सर्विसेज आपके लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकती हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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