
अगर आप इस बात से परेशान हैं कि आपका बच्चा हड्डियों से जुड़ी किसी अनुवांशिक विसंगति का शिकार हो सकता है, तो आज से ही उसे व्यायाम कराना शुरू कर दें। जी हां, शारीरिक व्यायाम बच्चों की हड्डियां मजबूत बनाता है। ऐसा उन बच्चों के साथ भी होता है, जो ऐसी अनुवांशिक विसंगति के शिकार होते हैं, जिनमें पहले से तय माना जाता है कि उनकी हड्डी कमजोर होगी।
जीवन भर मिलता है लाभ
एक नए शोध में यह पाया गया है। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक व अमेरिका के द चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल ऑफ फिलैडेल्फिया (सीएचओपी) के जोनाथन मिशेल ने कहा, "हमें दशकों से यह पता है कि बचपन में शारीरिक गतिविधियां हड्डियां मजबूत बनाती हैं और जीवन भर लाभ देती हैं। हम यह नहीं जानते कि इन गतिविधियों का प्रभाव उन बच्चों पर क्या पड़ता है, जिनकी हड्डियों के कमजोर होने का अनुवांशिक खतरा रहता है।
अनुवांशिक विसंगति होगी दूर
यह अध्ययन रपट 'जर्नल ऑफ बोन एंड मिनरल रिसर्च' में प्रकाशित हुआ है। इसमें दिखाया गया है कि शारीरिक गतिविधि बचपन में हड्डी की कमजोरी से जुड़ी अनुवांशिक विसंगति `के नकारात्मक प्रभाव को प्रभावहीन कर देती है। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 918 बच्चों और किशोरों का विश्लेषण किया। इनमें पांच साल के बच्चे से लेकर 19 साल तक के युवा शमिल थे। शोधकर्ताओं ने एक प्रश्नावली का इस्तेमाल किया, जिसमें अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों से यह पूछा गया कि वे बचपन में कितना और किस तरह की शारीरिक गतिविधियां करते हैं, इसे दर्ज किया गया।
बढ़ती है हड्डियों की सघनता
अध्ययन दल ने प्रतिभागियों की हड्डियों की सघनता की भी जांच की और 60 से अधिक अनुवांशिक विसंगति वाले बच्चों का जीनोटाइप मापा गया, जिनका संबंध हड्डियों की सघनता से जुड़ा माना जाता था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन बच्चों की शारीरिक गतिविधियां बहुत अधिक थीं, उनकी हड्डियों की सघनता बहुत अधिक थी।
अनुवांशिक खतरा है तो जरूर करें
यह उन पर भी लागू हुआ जिनकी हड्डियों के कमजोर होने का अनुवांशिक खतरा था। महत्वपूर्ण यह है कि वजन उठाने की गतिविधि, जिमिनास्टिक और फुटबॉल जैसे खेल, जिसमें तेज दौड़ने, मुड़ने और कूदने जैसी गतिविधियां शामिल थीं, उनका अधिक सकारात्मक प्रभाव था। उनका निष्कर्ष इस बात का उल्लेख करता है कि अनुवांशिकता आवश्वक रूप से हड्डियों की सघनता से नहीं जुड़ा हुआ है। साथ ही शारीरिक गतिविधियों का महत्व बच्चों की हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ाने का वर्तमान एवं बाद के जीवन में एक महत्वपूर्ण कारक है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
जीवन भर मिलता है लाभ
एक नए शोध में यह पाया गया है। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक व अमेरिका के द चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल ऑफ फिलैडेल्फिया (सीएचओपी) के जोनाथन मिशेल ने कहा, "हमें दशकों से यह पता है कि बचपन में शारीरिक गतिविधियां हड्डियां मजबूत बनाती हैं और जीवन भर लाभ देती हैं। हम यह नहीं जानते कि इन गतिविधियों का प्रभाव उन बच्चों पर क्या पड़ता है, जिनकी हड्डियों के कमजोर होने का अनुवांशिक खतरा रहता है।
अनुवांशिक विसंगति होगी दूर
यह अध्ययन रपट 'जर्नल ऑफ बोन एंड मिनरल रिसर्च' में प्रकाशित हुआ है। इसमें दिखाया गया है कि शारीरिक गतिविधि बचपन में हड्डी की कमजोरी से जुड़ी अनुवांशिक विसंगति `के नकारात्मक प्रभाव को प्रभावहीन कर देती है। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 918 बच्चों और किशोरों का विश्लेषण किया। इनमें पांच साल के बच्चे से लेकर 19 साल तक के युवा शमिल थे। शोधकर्ताओं ने एक प्रश्नावली का इस्तेमाल किया, जिसमें अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों से यह पूछा गया कि वे बचपन में कितना और किस तरह की शारीरिक गतिविधियां करते हैं, इसे दर्ज किया गया।
बढ़ती है हड्डियों की सघनता
अध्ययन दल ने प्रतिभागियों की हड्डियों की सघनता की भी जांच की और 60 से अधिक अनुवांशिक विसंगति वाले बच्चों का जीनोटाइप मापा गया, जिनका संबंध हड्डियों की सघनता से जुड़ा माना जाता था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन बच्चों की शारीरिक गतिविधियां बहुत अधिक थीं, उनकी हड्डियों की सघनता बहुत अधिक थी।
अनुवांशिक खतरा है तो जरूर करें
यह उन पर भी लागू हुआ जिनकी हड्डियों के कमजोर होने का अनुवांशिक खतरा था। महत्वपूर्ण यह है कि वजन उठाने की गतिविधि, जिमिनास्टिक और फुटबॉल जैसे खेल, जिसमें तेज दौड़ने, मुड़ने और कूदने जैसी गतिविधियां शामिल थीं, उनका अधिक सकारात्मक प्रभाव था। उनका निष्कर्ष इस बात का उल्लेख करता है कि अनुवांशिकता आवश्वक रूप से हड्डियों की सघनता से नहीं जुड़ा हुआ है। साथ ही शारीरिक गतिविधियों का महत्व बच्चों की हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ाने का वर्तमान एवं बाद के जीवन में एक महत्वपूर्ण कारक है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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