
What is more beneficial eating fruits or drinking juice: सेहतमंद रहने के लिए अक्सर हेल्थ एक्सपर्ट हेल्दी डाइट लेने की सलाह देते आए हैं. हेल्दी डाइट सभी तरह के पोषक तत्वों से भरपूर मानी जाती है और इसमें फल, सब्जियां, अनाज आदि एड होता है. फल सेहत के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं क्योंकि ये शरीर को सभी तरह के न्यूट्रिएंट्स देते हैं. फलों को खाने की बजाय कुछ लोग फलों का जूस भी पीते हैं. देखा जाए तो फलों (Fruits ya Fruits Juice) का जूस पीना बुरा नहीं है लेकिन अगर आप फलों (eating fruits or drinking juice which is better)को इग्नोर करके केवल फलों का जूस पी रहे हैं तो ये आपकी सेहत के लिए बुरा हो सकता है. कई लोग इस बारे में कंफ्यूज रहते हैं कि फल खाना सही है या फलों का जूस पीना (fruits or juice which is better)सही है. चलिए आज इसी बारे में कंफ्यूजन दूर करते हैं कि फल खाना फलों के जूस पीने से ज्यादा बेहतर क्यों है.
फल खाने के फायदे (Benefits of Eating Fruits)
- एक्सपर्ट कहते हैं कि फल सेहत के लिए ऊर्जा का नेचुरल सोर्स होते हैं.
- फलों में ढेर सारा डायटरी फाइबर पाया जाता है.
- फल खाने से कब्ज और पेट संबंधी बीमारियां ठीक होती हैं.
- फल गट हेल्थ को मजबूत करते हैं.
- फलों में ढेर सारे विटामिन जैसे विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई होते हैं.
- फलों मिनरल्स से भरपूर होते हैं,जैसे मैग्नीशियम, जिंक, फॉस्फोरस, पोटैशियम और फॉलिक एसिड आदि.
- फल खाने से मिलने वाला फाइबर डाइजेशन को मजबूत करता है.
- फल खाने से शरीर में ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है.
- फल खाने से वजन कंट्रोल में रहता है.
- फल खाने से पेट जल्दी भरता है जिससे शरीर अंट शंट खाने से बच जाता है.
- फलों में कम कैलोरी पाई जाती है.
- फलों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स से बचाव करते हैं.
- डिहाइड्रेशन के दौरान फलों का सेवन करने से शरीर को ढेर सारा पोषण मिलता है.
- फलों में सोडियम की काफी कम मात्रा पाई जाती है, इसलिए फल खाने पर हाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के चांस कम होते हैं.
- फल में नेचुरल शुगर होती है जो शरीर में जाकर धीरे धीरे पचती है, इससे शुगर लेवल एकदम से हाई नहीं होता है

फलों का जूस पीने पर क्या होगा (Juice Side Effects on Body)
- अगर आप फलों का जूस बनाकर पीते हैं तो इससे फलों से मिलने वाला पोषण कम हो जाता है.
- जब फलों से जूस बनाया जाता है तो इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बढ़ जाता है.
- ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होने पर शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है.
- ऐसे में डायबिटीज वाले रोगियों के लिए खतरा पैदा हो जाता है.
- फलों का जूस बनाने पर फलों के गूदे में डायटरी फाइबर रह जाता है.
- इससे फलों का फाइबर जूस में नहीं एड हो पाता और शरीर को फाइबर नहीं मिल पाता है.
- जूस में डायटरी फाइबर न होने पर ये पेट और गट हेल्थ के लिए अच्छा नहीं माना जाता है.
- अगर आप एक फल खाते हैं तो आपको फल से मिलने वाली शुगर पर्याप्त होती है.
- लेकिन जब आप कई फलों का जूस बनाकर पीते हैं तो आप एक साथ कई फलों की शुगर एक साथ लेते हैं.
- इससे ब्लड शुगर एकदम बढ़ जाता है, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.
- जो लोग बाजार में बना जूस पीते हैं, उनके जूस में शुगर एड की जाती है.
- इस तरह बाजार का जूस शरीर में जाकर ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाता है.
- पैकेट बंद प्रोसेस्ड जूस में कई तरह के प्रिजर्वेटिव होते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं.
- पैकेट बंद प्रोसेस्ड जूस पीने से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकता है.
- जूस में फल के मुकाबले ज्यादा कैलोरी होती है और ये वजन बढ़ने का कारण बन सकती है.
- जूस में एसिडिक तत्व होने के कारण ये दांतों को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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