डेंगू और मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इन घरेलू उपायों से करें बचाव 

Malaria precaution : इन दिनों डेंगू और मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में इससे बचने के उपाय पहले ही कर लिए जाएं तो आपको इस बीमारी की चपेट में आने से बच सकते हैं. 

डेंगू और मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इन घरेलू उपायों से करें बचाव 

अस्थमा वीड, जिसे हिंदी में दूधी के नाम से जाना जाता है, कई लाभकारी गुणों वाली एक औषधीय जड़ी-बूटी है.

Home remedy for Dengue : डेंगू वायरस दुनिया भर में ज्यादातर ट्रॉपिकल और सबट्रॉपिकल जगहों में पाया जाता है, जिसमें एशिया और प्रशांत द्वीप समूह, अफ्रीका, पूर्वी भूमध्यसागरीय और मध्य और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्से शामिल है.  डेंगू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है. हालांकि, यह गर्भवती माताओं से उनके बच्चों में फैल सकता है. इस बीमारी का प्रकोप बारिश के बाद तेजी से बढ़ता है कारण बरसात के पानी का जमाव. जिसमें ये डेंगू फैलाने वाला यह मच्छर जन्म लेता है. इन दिनों डेंगू और मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में इससे बचने के उपाय पहले ही कर लिए जाएं तो आपको इस बीमारी की चपेट में आने से बच सकते हैं. 

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डेंगू मलेरिया से बचने के उपाय

नीम - 2 कुछ ताजी नीम की पत्तियों को पानी में उबाल लीजिए. इस पानी को पीने से आपको जल्दी ठीक होने में मदद मिल सकती है. आप नीम की पत्ती का रस भी पी सकते हैं. नीम का जूस बनाने के लिए कुछ ताजी पत्तियों को एक कप पानी के साथ पीस लें. अब आप एक कप में छान लीजिए जूस तैयार है. आप स्वाद के लिए इसमें थोड़ा शहद या नींबू का रस मिला सकते हैं.

पपीता - पपीते की पत्तियों का उपयोग डेंगू बुखार के इलाज के लिए किया जाता है. पारंपरिक चिकित्सा में डेंगू में बुखार को कम करने की सलाह दी जाती है. पपीते का पत्ता प्लेटलेट काउंट, सफेद रक्त कोशिकाओं और न्यूट्रोफिल को बढ़ाने में मदद कर सकता है. ऐसी स्थिति में आप पपीते के पत्तों के रस का सेवन कर सकते हैं. 

अस्थमा वीड - अस्थमा वीड, जिसे हिंदी में दूधी के नाम से जाना जाता है, कई लाभकारी गुणों वाली एक औषधीय जड़ी-बूटी है. यह डेंगू बुखार में मदद कर सकता है और डेंगू से पीड़ित लोगों में प्लेटलेट काउंट बढ़ा सकता है. दूधी का उपयोग करने के लिए आपको दूधी के पत्ते के पेस्ट को पानी में उबालना होगा. 

तुलसी - डेंगू बुखार रोकने के लिए पारंपरिक रूप से तुलसी के पत्तों का उपयोग किया जाता है. तुलसी की चाय बनाने के लिए, कुछ ताजी तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालें. इसे कुछ देर तक उबलने दें और फिर एक कप में छान लीजिए. स्वाद के लिए आप इसमें नींबू रस की कुछ बूंदें या एक चम्मच शहद मिला सकते हैं.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.