एक दसवीं क्लास के स्टूडेंट ने हाल ही में अपने 3डी प्रिंटर की मदद से दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के लिए फेस शील्ड्स (Face Shields) बनाए हैं. एक ओर जहां, कोविड-19 (COVID-19) के चलते इस स्टूडेंट के क्लासमेट टीवी देखने और मोबाइल पर गेम्स खेलने में व्यस्त हैं. वहीं दूसरी ओर यह स्टूडेंट अपने एक्स्ट्रा टाइम का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली पुलिस के लिए 3डी प्रिंटर से फेस शील्ड्स बना रहा है.
इस स्टूडेंट ने 22 जून को दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव को 100 फेस शील्ड्स दिए ताकी देश की जनता की सेवा में जुटे पुलिस अधिकारी कोविड-19 संक्रमण से खुद को बचा सकें.
जरेब वर्धन ने इस बारे में न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ''मुझे यह आइडिया उस वक्त आया जब मैंने एक पुलिस अधिकारी को बिना फेस शील्ड के लोगों से बात करते हुए देखा. हेल्थ मिनिस्ट्री की गाइडलाइन के मुताबिक सभी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना है. ऐसे में मैंने उन पुलिस अधिकारियों के बारे में सोचा जो हमेशा ड्यूटी के दौरान लोगों से मिलते हैं. इस वजह से मैंने उनके और जरूरतमंद लोगों के लिए 3डी फेस शील्ड्स बनाएं हैं''.
जरेब के प्रयासों से प्रभावित होकर, श्रीवास्तव ने उसे एक कमेंडेशन लेटर भी दिया और पुलिस को 100 फेस शील्ड देने के लिए किशोर की सराहना की. दिल्ली पुलिस के लेटर में लिखा गया है, ''दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की ओर से मैं आपका शुक्रियाअदा करता हूं कि आपने मानवीय कारणों के लिए दिल्ली पुलिस को कोविड-19 के मुश्किल वक्त में 100 फेस शील्ड प्रदान की. दुनियाभर की तरह दिल्ली शहर भी इस वक्त मुश्किल वक्त का सामना कर रहा है और ऐसी परिस्थितियों को देख रहा है, जिन्हें कभी नहीं देखा गया''.
इसमें कहा गया है, ''इसके लिए सार्वजनी तौर पर लोगों की मदद करने वाले व्यक्तियों को अपने कंफर्ट जोन से बाहर आना पड़ता है. मुश्किल वक्त में कुछ लोग टूट जाते हैं और कुछ अन्य लोग रिकॉर्ड तोड़ देते हैं. परफॉर्मर्स का जन्म मुश्किल वक्त में ही होता है. सिर्फ घर पर आराम से बैठने की जगह आपने 3डी प्रिंटर की मदद से 100 फेस शील्ड बनाई, जो इस उम्र में आपकी मानवता और सकारात्मक रवैये को दर्शाता है. हम आपके द्वारा किए गए इस काम की सराहना करते हैं. मुझे यकीन है कि आप बड़े होकर और भी बड़ी जिम्मेदारियों को संभालेंगे''.
इस बारे में बात करते हुए किशोर छात्र ने कहा, मैंने अपनी पॉकेट मनी से इस 3डी मशीन को खरीदा था. किशोर ने कहा, मैंने अपनी बची हुई पॉकेट मनी से 3डी प्रिंटर को मंगाया और इससे मैं एक दिन में 10 से भी अधिक शील्ड बना सकता हूं.
जरेब इस वक्त एन-95 मास्क बनाने की कोशिशों में लगा हुआ है और उसका दावा है कि बाजार में मौजूद एन-95 मास्क के मुकाबले, उसके द्वारा बनाए जा रहे मास्क की कीमत कम होगी.
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