दिल का रखना है ख्‍याल, तो कोलेस्ट्रॉल लेवल पर रखें नजर...

दिल का रखना है ख्‍याल, तो कोलेस्ट्रॉल लेवल पर रखें नजर...

माना कि आपके पास इतना भी समय नहीं है कि आप अपना और अपनी सेहत का पूरी तरह से ख्‍याल रख सकें। और सेहत को ध्‍यान में रखकर जरूरी आहार और व्‍यायाम कर सकें। लेकिन समय तो आपको निकालना ही होगा... क्‍योंकि आप जो आहार ले रहे हैं या जो लाइफस्‍टाइल आपने अपनाया है उसकी वजह से कई समस्‍याएं आ सकती हैं।
आजकल के 'फास्‍टफूट लाइफस्‍टाइल' में दिल को स्‍वस्‍थ रखना बेहद जरूरी है। और दिल का सबसे बड़ा दुश्‍मन है बेड कोलेस्ट्रॉल।

दिल के रोगों में हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल को एक प्रमुख खतरा माना जाता है। मरीज के रक्त में अगर कोलेस्ट्रॉल जितना ज्यादा होगा, रोग बढ़ने व हार्ट अटैक का खतरा उतना ही ज्यादा होगा। रक्त में जब बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल होता है, यह धमनियों में जमा होने लगता है। आगे चलकर धमनियां सख्त होकर सिकुड़ जाती हैं और दिल की ओर रक्त का बहाव धीमा या बंद हो जाता है। रक्त दिल के लिए ऑक्सीजन लेकर जाता है और अगर दिल को जरूरी रक्त और ऑक्सीजन न मिले तो आपके सीने में दर्द हो सकता है।

अगर दिल के एक हिस्से को रक्त मिलना बिल्कुल बंद हो जाए तो हार्ट अटैक हो जाता है।

आईएमए के मानद महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल के अनुसार हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल का कोई लक्षण नहीं होता, इसलिए लोगों को पता नहीं चलता कि यह बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में तेजी से बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को देखते हुए जीवनशैली में बदलाव जरूरी हो गया है। सक्रिय और सेहतमंद जीवन अपना कर, स्वस्थ्य आहार लेकर, सिगरेट और शराब से दूर रहकर और तनाव से मुक्त होकर जीवनशैली के रोग टाले जा सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान :

-अनसेचुरेटेड फैट खाएं और सेचुरेटेड और ट्रांस फैट से बचें।

-वेजीटेबल ऑयल दिल के लिए अच्छे हैं, उसी में बना व्यंजन खाएं।

-मछली, मूंगफली, बीजों और कुछ सब्जियों के तेल में सेहतमंद फैट होती है, इसलिए ये ले सकते हैं।

-सेचुरेटेड फैट वाले पकवान कम खाएं और ट्रांस फैट से भी दूर रहें।

-ओटमील और फलों में उपलब्ध सोलेबल फाइबर ज्यादा लें। यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

-प्लांट स्टेरोल्ज और स्टानोल्ज को आहार में शामिल करें, क्योंकि इन प्राकृतिक पौधों की संरचना कोलेस्ट्रॉल जैसी ही होती है।

वैसे खानपान पर नियंत्रण कोलेस्ट्रॉल को कम करने का सरल और कारगर तरीका है, लेकिन हर व्यक्ति पर इसका अलग-अलग असर होता है।

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)