Who Should Not Do Chhat Vrat: छठ पूजा हिंदू धर्म का एक बहुत ही पवित्र और कठिन व्रत माना जाता है. ये सूर्य देव और छठी मइया को समर्पित होता है. और, इसे पूरी श्रद्धा, नियम और संयम के साथ किया जाता है. लेकिन हर महिला इस व्रत (Chhat Puja Ki Vidhi) को नहीं रख सकती. ये व्रत जितना शुभ है, उतना ही शारीरिक और मानसिक शक्ति की भी मांग करता है. इसलिए इस व्रत (Chhat Puja Ke Niyam) को करने से पहले खुद को बहुत एनर्जेटिक बनाना जरूरी है. फिर भी कुछ खास परिस्थितियों में महिलाओं को ये व्रत करने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं, किन महिलाओं को ये व्रत रखने से परहेज करना चाहिए.
रंग-बिरंगे रंगों से घर पर सुंदर रंगोली बनाकर करें छठी मैया का स्वागत, देखिए शानदार डिजाइन्स
ये महिलाएं न रखें छठ का व्रत (These Women Should Not Do Chhat Vrat)
छठ में गर्भवती महिलाएं क्या करें
अगर कोई महिला गर्भवती है, तो उसे छठ का व्रत नहीं रखना चाहिए. इस व्रत में 36 घंटे तक निर्जला यानी कि बिना पानी पिए उपवास किया जाता है. जो गर्भवती महिला और उसके बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है. इस समय शरीर को पर्याप्त पोषण और पानी की आवश्यकता होती है. इसलिए बेहतर है कि वो पूजा में श्रद्धा से शामिल हों लेकिन व्रत न रखें.

प्रसूता या हाल ही में मां बनी महिलाएं
जिन महिलाओं ने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया है. उन्हें भी छठ का व्रत नहीं रखना चाहिए. इस अवस्था में शरीर कमजोर होता है और नींद, भोजन, और पानी की जरूरत अधिक होती है. व्रत रखने से दूध की मात्रा पर भी असर पड़ सकता है. जो नए जन्मे बच्चे के लिए ठीक नहीं है.
बीमार या शारीरिक रूप से कमजोर महिलाएं
अगर किसी महिला को ब्लड प्रेशर, शुगर, या किसी अन्य गंभीर बीमारी की समस्या है, तो उन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना ये व्रत नहीं रखना चाहिए. लंबे समय तक भूखा प्यासा रहने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में छठ मइया की आराधना बिना व्रत के भी पूरी श्रद्धा से की जा सकती है.
मानसिक तनाव या ज्यादा थकान से जूझ रही महिलाएं
छठ व्रत न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक दृढ़ता की भी परीक्षा लेता है. अगर किसी महिला पर पहले से ही बहुत मानसिक दबाव है या वह लगातार थकान महसूस करती है. तो व्रत रखना उसके लिए कठिन हो सकता है.
क्या पीरियड में छठ पूजा कर सकते हैं?
पीरियड के दौरान छठ पूजा करने से हमेशा बचना चाहिए, लेकिन आप व्रत रख सकती हैं. इस समय पूजा की सामग्री को छूने या प्रसाद बनाने से भी परहेज करना चाहिए बचें और सूर्य को अर्घ्य देने से भी बचें. अगर आपको अर्घ्य देना हो तो किसी और से करवा सकते हैं, ऐसा ही शास्त्रों में जिक्र किया गया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं