
Parenting Tips: बिपाशा बासु और करण सिंह ग्रोवर ने हाल ही में अपनी बेटी देवी के साथ हॉलीडे स्प्री की एक झलक शेयर की. एक इंस्टाग्राम वीडियो में बिपाशा ने कुछ एडोरेबल फैमिली मोमेंट्स की झलक दिखाई. जिसमें पैरेंट्स को अपनी बेटी के साथ मस्ती करते हुए देखा जा सकता है. एक और वीडियो में दिखाया गया कि कैसे लग्जरी रिसॉर्ट में उनके अराइवल पर उन्हें एक वॉर्म वेलकम मिला और दोनों एक दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड (Tips To Spend Quality Time With Kids) कर रहे हैं. ये छोटे-छोटे स्टेप्स और बड़ी-बड़ी स्माइल्स आउटडोर बॉन्डिंग (Bachchon Ko Achchi Adat Kaise Sikhaen) का फायदा भी दिखाते हैं. चाहे वो घास पर चहलकदमी करना हो या अपनी लिटिल वन के साथ हंसना खेलना हो. ये छोटी-छोटी मेमोरीज बच्चों और पैरेंट्स के बीच एक मजबूत बॉन्ड बनेंगी. हर पैरेंट को इससे इंस्पायर होना चाहिए कि किड्स के साथ किस तरह क्वालिटी टाइम स्पेंड किया जा सकता है.
किड्स के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने के बेनिफिट्स (Tips To Spend Quality Time With Kids)
1. डीप कनेक्शन बनाना:
क्वालिटी टाइम स्पेंड करने से आप अपने चाइल्ड के साथ कनेक्ट कर पाते हैं. जिससे कम्युनिकेशन बेहतर होता है. ये पैरेंट्स को अपने किड्स के साथ डीपर कनेक्शन बनाने में भी में भी हेल्प करता है.
2. हेल्दी और पॉजिटिव बिहेवियर प्रमोट करना:
एक्सपर्ट का कहना है कि जब पैरेंट्स किड्स के साथ डिस्ट्रैक्शन-फ्री एनवायरनमेंट में टाइम स्पेंड करते हैं. और उन्हें बार बार टोकते नहीं हैं जैसे, कैसे बिहेव करना है, कैसे उठना बैठना है तो किड्स में अच्छी आदतें डेवलप होती हैं. ये हेल्दी कम्युनिकेशन उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाता है और पॉजिटिव डिसिप्लिन प्रमोट करता है.
3. बच्चे का सेल्फ-कॉन्फिडेंस बूस्ट करना:
रोज सिर्फ 20 मिनट अपने बच्चे के साथ बिताना. वो भी बिना शिकायत या ब्लेमिंग के, बल्कि पॉजिटिव डायलॉग के साथ एक हेल्दी बॉन्ड बनाता है. उनके सेल्फ कॉन्फिडेंस को बहुत अच्छी तरह से बूस्ट कर सकता है.
4. स्ट्रेस मैनेज करने में हेल्प:
वेकेशन एक जबरदस्त स्ट्रेस बस्टर भी है. पैरेंट्स और बच्चे दोनों के लिए. ये एक बढ़िया तरीका है पुरानी शिकवे शिकायत भूलकर और फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने का. ये बच्चों को उनकी स्ट्रेंथ्स पर फोकस करने में हेल्प करता है, ना कि वीकनेस या डिस्ट्रैक्शन पर.
5. इमोशनल इंटेलिजेंस बिल्ड करना:
बच्चों की बातों को पूरे समय ध्यान से सुनना और शेयर की गई एक्टिविटीज में उनके साथ जुटे रहना पैरेंट्स को किड्स के साथ बेहतर तरीके से कनेक्ट करने में मदद करता है. इससे अच्छी आदतें, सेल्फ कॉन्फिडेंस, सेल्फ अवेयरनेस और संवेदना जैसे इमोशनल इंटेलिजेंस भी बच्चों में तेजी से बढ़ते हैं.
वेकेशन पर न जा सकें तो क्या करें
अगर आप अपने बच्चों के साथ वेकेशन पर नहीं जा सकते तो भी कुछ पेरेंटिंग टिप्स की मदद से उनके साथ स्ट्रॉन्ग बॉन्ड बना सकते हैं.
1. छोटे-छोटे कामों में शामिल करें: बच्चों को शामिल किया जाना अच्छा लगता है. किचन में उनसे मदद लें, पौधों को पानी देने के लिए कहें या फिर साथ में कपड़े फोल्ड करें.
2. टेक फ्री ऑवर रखें: कम से कम एक घंटा बिना फोन, टीवी या टैबलेट के बिताएं. कोई बोर्ड गेम खेलें, कलरिंग करें या बस बैठकर बातें करें.
3. एक मेमोरी जार बनाएं: एक जार लें और उसमें छोटे-छोटे कागज़ पर फनी मोमेंट्स, अच्छी बातें या ग्रेटफुलनेस नोट्स लिखकर डालें. महीने या साल के आखिर में इसे खोलें और उन यादों को फिर से जिएं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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