किशोरावस्था में वजन घटाने की सर्जरी हृदय रोग में मददगार
नई दिल्ली:
बेरियाट्रिक सर्जरी (पेट की सर्जरी) कराने वाले युवाओं में आगे चलकर दिल संबंधी बीमारियां होने का खतरा कम हो गया है. ये बात एक रिसर्च में सामने आई है. आपको बता दें बेरियाट्रिक सर्जरी लेप्रोस्कोपिक तरीके से होती है, इससे भूख बढ़ाने वाला 'ग्रेहलीन' हार्मोन बनना बंद हो जाता है, जिससे भूख कंट्रोल हो जाती है और शरीर में मौजूद फैट एनर्जी के तौर पर काम करना शुरू कर देता है.
क्या होता है सर्वाइकल कैंसर? कैसे करें इसे ठीक
शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि बेरियाट्रिक या वजन घटाने की सर्जनी अगर किशोरावस्था में ही करा ली जाती है, तो यह जीवन में बाद में भी अनियमित ग्लूकोज चयापचय, एथोरोसलेरॉसिस की हृदय की विफलता और स्ट्रोक के विकास और प्रगति को कम करके अद्वितीय लाभ प्रदान कर सकती है.
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अमेरिका के ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रोफेसर मार्क पी. मिचलस्की ने बताया, "यह बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद किशोरावस्था में हृदय रोग के जोखिम कारकों में परिवर्तन के पूर्वानुमान को लेकर पहली बार बड़े पैमाने पर किया गया विश्लेषण है."
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यह शोध ऑनलाइन जर्नल पेडियाट्रिक्स में प्रकाशित किया गया है. यह अध्ययन 242 किशोर/किशोरियों पर किया गया, जिन्हें जांच में हृदय रोग होने की संभावना पाई गई थी।.
शोध में पाया गया कि बेरियाट्रिक सर्जरी से पहले 33 फीसदी प्रतिभागियों में तीन या उससे ज्यादा तरह के हृदय रोग होने का खतरा था.
बेरियाट्रिक सर्जरी से न सिर्फ वजन में कमी आती है, बल्कि किशोर/किशोरियों के बीच डायस्लिपेडेमिया का जोखिम भी कम हो जाता है, जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल का असामान्य रूप से बढ़ा स्तर होने के कारण होता है.
देखें वीडियो - डॉक्टरों ने बनाया कैंपर ऐप जो बताएगा घातक बीमारी की स्टेज
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अमेरिका के ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रोफेसर मार्क पी. मिचलस्की ने बताया, "यह बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद किशोरावस्था में हृदय रोग के जोखिम कारकों में परिवर्तन के पूर्वानुमान को लेकर पहली बार बड़े पैमाने पर किया गया विश्लेषण है."
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यह शोध ऑनलाइन जर्नल पेडियाट्रिक्स में प्रकाशित किया गया है. यह अध्ययन 242 किशोर/किशोरियों पर किया गया, जिन्हें जांच में हृदय रोग होने की संभावना पाई गई थी।.
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