भाई-बहन का रिश्ता ऐसा रिश्ता है, जिसमें जीवन के एक लंबे असरे तक दोनों लाइफ को मिल कर जीते हैं, एक ही घर, मां-पापा, कपड़े, बिस्तर, होमवर्क, खाना और भी जाने क्या-क्या वो आपस में शेयर करते हैं. जब इतना कुछ दोनों के जीवन में सेम है, तो सीधी सी बात है कि कहीं न कहीं अनबत तो होगी ही. लेकिन ये रिश्त ऐसा है कि खुद ही इस अनबन से बचने के लिए जुगाड़ भी तलाश लेता है. इसी जुगाड़ के तहत भाई बहनों के बची होती हैं कुछ डील्स. ऐसी डील जो दोनों करते तो अपना अपना काम निकालने के लिए हैं, लेकिन वे इस रिश्ते को यादगार और मजबूत बना देती हैं. एक नजर ड़ालते हैं ऐसी ही पांच डील्स पर जो हर भाई-बहन के बीच होती हैं...
बदले का काम-
'ये काम कर दे बस, मैं तेरे दो काम करूंगा.' अक्सर जब हम आलस में होते हैं और कोई काम नहीं करना चाहते, ऐसे में जो हमें सबसे उम्दा व्यक्ति दिखता है हमारा काम करने के लिए वह होता है हमारा भाई या बहन. पर क्या मजाल है कि एक बार कहने पर वह हमारा काम करने के लिए मान जाए. मान लीजिए कि आपको प्यास लगी है और आपका मन नहीं है उठकर पानी लाने का, तो आप अपने भाई या बहन से इसके लिए कहते हैं. लेकिन वह काम करने की बजाए उठा लाता है दस वह बातें, तब आपने उनका काम करने से मना किया था. ऐसे में हर भाई बहन के बीच होती है एक डील- 'यार, इस बार ये कर दे, अगली बार इसके बदले तेरे दो काम कर दूंगा, जो भी तू कहे.'
मम्मी को मत बताना-
भाई बहन का रिश्ता ही ऐसा होता है, जिसमें एक दूसरे के बचपन से लेकर जवानी तक कई राज एक दबे होते हैं. वो एक दूसरे को कभी-भी किसी भी समय ब्लैकमेल कर सकते हैं. लेकिन नहीं, क्योंकि इस रिश्ते में डील का मतलब है डील. इसलिए जब भी आप कोई गलती करते हैं और एक दूसरे से यह वादा करते हैं कि वह किसी काम के बदले में आपके राज को दबा कर रखेगा, तो मतलब रखेगा.
एक दिन तेरा, एक दिन मेरा-
भाई बहन का रिश्ता ऐसा ही है कि वे बचपन से ही जाने कितनी चीजें शेयर करते हैं. अब ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि एक ही घर में रहते हुए जब आप लगभग हर चीज शेयर कर रहे हैं, तो अनबन होना तो तय है. अक्सर एक ही चीज पर दोनों का दिल आता है. कई बार वह कोई खाने की चीज होती है,तो कई बार कंबल, चद्द, तकीया या कोई कप या प्लेट भी हो सकती है. ऐसे में मां-बाप बच्चों को खुश करने के लिए उस चीज को दोनों में बांट देते हैं. जैसे अगर दोनों का दिल एक ही कंबल पर आया है,तो उनके बीच एक डील की जाती है, जिसके तहत एक दिन वह किसी एक का तो दूसरे दिन वह दूसरे का होता है. लेकिन इस डील में हेरफेर होना तय है...
आधा-आधा
भाई-बहन के बीच होने वाली एक डील यह भी है, जो बेहद ही अच्छी होती है. यही डील दोनों के रिश्ते को मजबूत भी करते हैं. अक्सर बचपन में पॉकेट मनी कम होने पर दोनों आधा-आधा हिस्सा मिलकार कुछ खाने के लिए मंगाते या लाते हैं और मिल कर आधा-आधा खाते हैं.
पापा के साइन कर दे
ये डील अक्सर भाई बहन से करते हैं. वो जानते हैं कि बहन पापा जैसे साइन कर लेती है, इसलिए स्कूल के किसी फॉर्म में या रिपोर्ट कार्ड पर अक्सर उससे साइन कराते हैं. और बदले में बहन को मिलती है मोटी रिश्वत...
बदले का काम-
'ये काम कर दे बस, मैं तेरे दो काम करूंगा.' अक्सर जब हम आलस में होते हैं और कोई काम नहीं करना चाहते, ऐसे में जो हमें सबसे उम्दा व्यक्ति दिखता है हमारा काम करने के लिए वह होता है हमारा भाई या बहन. पर क्या मजाल है कि एक बार कहने पर वह हमारा काम करने के लिए मान जाए. मान लीजिए कि आपको प्यास लगी है और आपका मन नहीं है उठकर पानी लाने का, तो आप अपने भाई या बहन से इसके लिए कहते हैं. लेकिन वह काम करने की बजाए उठा लाता है दस वह बातें, तब आपने उनका काम करने से मना किया था. ऐसे में हर भाई बहन के बीच होती है एक डील- 'यार, इस बार ये कर दे, अगली बार इसके बदले तेरे दो काम कर दूंगा, जो भी तू कहे.'
मम्मी को मत बताना-
भाई बहन का रिश्ता ही ऐसा होता है, जिसमें एक दूसरे के बचपन से लेकर जवानी तक कई राज एक दबे होते हैं. वो एक दूसरे को कभी-भी किसी भी समय ब्लैकमेल कर सकते हैं. लेकिन नहीं, क्योंकि इस रिश्ते में डील का मतलब है डील. इसलिए जब भी आप कोई गलती करते हैं और एक दूसरे से यह वादा करते हैं कि वह किसी काम के बदले में आपके राज को दबा कर रखेगा, तो मतलब रखेगा.
एक दिन तेरा, एक दिन मेरा-
भाई बहन का रिश्ता ऐसा ही है कि वे बचपन से ही जाने कितनी चीजें शेयर करते हैं. अब ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि एक ही घर में रहते हुए जब आप लगभग हर चीज शेयर कर रहे हैं, तो अनबन होना तो तय है. अक्सर एक ही चीज पर दोनों का दिल आता है. कई बार वह कोई खाने की चीज होती है,तो कई बार कंबल, चद्द, तकीया या कोई कप या प्लेट भी हो सकती है. ऐसे में मां-बाप बच्चों को खुश करने के लिए उस चीज को दोनों में बांट देते हैं. जैसे अगर दोनों का दिल एक ही कंबल पर आया है,तो उनके बीच एक डील की जाती है, जिसके तहत एक दिन वह किसी एक का तो दूसरे दिन वह दूसरे का होता है. लेकिन इस डील में हेरफेर होना तय है...
आधा-आधा
भाई-बहन के बीच होने वाली एक डील यह भी है, जो बेहद ही अच्छी होती है. यही डील दोनों के रिश्ते को मजबूत भी करते हैं. अक्सर बचपन में पॉकेट मनी कम होने पर दोनों आधा-आधा हिस्सा मिलकार कुछ खाने के लिए मंगाते या लाते हैं और मिल कर आधा-आधा खाते हैं.
पापा के साइन कर दे
ये डील अक्सर भाई बहन से करते हैं. वो जानते हैं कि बहन पापा जैसे साइन कर लेती है, इसलिए स्कूल के किसी फॉर्म में या रिपोर्ट कार्ड पर अक्सर उससे साइन कराते हैं. और बदले में बहन को मिलती है मोटी रिश्वत...
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