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7 से 12 साल के बच्चे से माता-पिता को जरूर कहनी चाहिए ये 5 बातें, पैरेंटिंग एजुकेटर ने बताया कैसे बिल्ड होगा स्ट्रोंग कैरेक्टर 

How To Build Strong Character: बढ़ती उम्र में बच्चों की पर्सनैलिटी शेप लेने लगती है. इस दौरान माता-पिता बच्चों से क्या कह रहे हैं और क्या नहीं इसका उन्हें खासतौर से ध्यान रखना चाहिए. 

7 से 12 साल के बच्चे से माता-पिता को जरूर कहनी चाहिए ये 5 बातें, पैरेंटिंग एजुकेटर ने बताया कैसे बिल्ड होगा स्ट्रोंग कैरेक्टर 
Things You Must Tell Children: पैरेंट्स को बच्चों से जरूर कहनी चाहिए कुछ बातें. 

Parenting Tips: बचपन में अक्सर ही पैरेंट्स बच्चों से बहुत कुछ कह देते हैं. बच्चा कैसा दिख रहा है और कैसा नहीं, उसने क्या पहना है और क्या नहीं यह सब पैरेंट्स बेझिझक बोल देते हैं. लेकिन, जब बच्चा 7 से 12 साल की उम्र के बीच होता है तो इस दौरान वह अपने बारे में ओपिनियन बनाने लगता है. ऐसे में अगर बच्चे से कुछ अच्छा कहा जाए तो उसका कोंफिडेंस (Confidence) बढ़ता है और कुछ बुरा कहा जाए तो कोंफिडेंस कम होना शुरू हो जाता है. ऐसे में पैरेंट्स बच्चे को क्या कह रहे हैं और क्या नहीं इसका उन्हें खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. पैरेंटिंग एजुकेटर दिव्या कौर गिल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वे ऐसी 5 बातों का जिक्र कर रही हैं जो पैरेंट्स को अपने बच्चे से जरूर कहनी चाहिए.

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7 से 12 साल के बच्चे से जरूर कहें ये 5 बातें 

पैरेंटिंग एजुकेटर (Parenting Educator) का कहना है 7 से 12 साल की उम्र में बच्चे खुद से अक्सर ही पूछते हैं कि क्या वे अच्छे हैं, क्या उनसे किसी को फर्क पड़ता है और क्या वे सही तरह के इंसान हैं वगैरह वगैरह. इस उम्र में बच्चे बेहद सेंसिटिव भी होते हैं. इसीलिए पैरेंट्स उनका कैरेक्टर स्ट्रोंग (Strong Character) बनाने में और उनकी पर्सनैलिटी को निखारने में अपनी बातों के जरिए भी मदद कर सकते हैं. 

"मुझे तुमपर विश्वास है"

बच्चे को बताएं कि आपको उनके छोटे-बड़े निर्णयों पर भरोसा है. बच्चों पर ट्रस्ट करें कि वे सही निर्णय ही लेंगे खुदके लिए. इससे बच्चों का कोंफिडेंस बढ़ता है. 

"कोई बात नहीं गलतियां सब करते हैं" 

गलतियां सबसे होती हैं और बच्चे हर काम को परफेक्शन से करें यह संभव भी नहीं है. लेकिन, बच्चे को यह कहकर बताना जरूरी है कि अगर उससे कोई गलती हो भी जाती है तो कोई बात नहीं, गलतियां सबसे होती हैं. 

"तुम्हारे साथ समय बिताना अच्छा लगता है"

पैरेंट्स को लगता है कि बच्चों को यह बात पता ही होगी कि वे माता-पिता के लिए कितनी जरूरी हैं और कितने खास हैं. लेकिन, कई बार भावनाओं को शब्द देना जरूरी होता है. अपने बच्चों को बताएं कि आपको उनके साथ समय बिताना अच्छा लगता है. यह सुनकर बच्चे इम्पोर्टेंट महसूस करेंगे. 

"तुम इस काम में अच्छे हो"

कई बार पैरेंट्स बच्चे की बुराइयां तो उसे बता देते हैं लेकिन बच्चे की अच्छाइयों को बताना या तारीफ करना भूल जाते हैं. ऐसा ना करें बल्कि जब भी बच्चा कुछ अच्छा करता है तो उसे बताएं कि वह काम अच्छे से करता है या इस काम में अच्छा है. 

"चाहे कुछ भी हो मुझे तुमपर गर्व है"

एक्सपर्ट का कहना है कि जब बच्चा कुछ अच्छा करता है या किसी तरह की जीत हासिल करता है तो पैरेंट्स उसे बताते हैं कि उन्हें बच्चे पर गर्व है. लेकिन, अगर बच्चा हार गया है या कुछ अचीव नहीं कर पाया है तो उसे बताएं कि चाहे उसकी जीत हो या फिर हार आपको उसपर भरोसा है. 

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