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This Article is From Jan 27, 2022

JPSC Civil Services Mains Exam 2021: जेपीएससी मेन्स सिविल परीक्षा स्थगित, जल्द नई तारीख जारी करेगा आयोग

JPSC Mains exam 2021: आयोग के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि झारखंड उच्च न्यायलय द्वारा दिनांक 28 जनवरी से 30 जनवरी तक होने वाली परीक्षा को अगले आदेश तक स्थगित किया जाएगा. 

JPSC Civil Services Mains Exam 2021: जेपीएससी मेन्स सिविल परीक्षा स्थगित, जल्द नई तारीख जारी करेगा आयोग
JPSC Civil Services Mains Exam: 28 जनवरी से 30 जनवरी तक होनी थी परीक्षा
नई दिल्ली:

JPSC Mains exam 2021: झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने संयुक्त सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021 स्थगित कर दी है. झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से नोटिस जारी कर इस बात की जानकारी दी गई. आयोग के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि झारखंड उच्च न्यायलय द्वारा दिनांक 28 जनवरी से 30 जनवरी तक होने वाली परीक्षा को अगले आदेश तक स्थगित किया जाएगा. जेपीएससी मेंस (JPSC Mains Exam) परीक्षा की नई तारीखों को जल्द ही घोषित कर दिया जाएगा. 

क्या है पूरा मामला

उच्च न्यायालय से आयोग ने कहा था कि वो विभिन्न वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मामले में प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों की समीक्षा करेगा. सातवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा पर रोक के लिए दायर याचिका पर मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान आयोग ने इस संबंध में बयान दिया. इससे पूर्व, उच्च न्यायालय में सातवीं जेपीएससी में प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण के बिंदुओं पर सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान अदालत ने जब जेपीएससी से प्रारंभिक परीक्षा में भी आरक्षण दे दिए जाने के आरोपों के बारे में स्पष्ट जवाब मांगा तो आयोग ने मुख्य परीक्षा को दो सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए जवाब पेश करने के लिए समय मांगा. अदालत ने ये अनुरोध स्वीकार करते हुए आयोग को दो सप्ताह का समय दे दिया और मामले की को 15 फरवरी के लिए सूचीबद्ध कर दिया.

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झारखंड प्रदश लोक सेवा आयोग की 28 जनवरी से होने वाली मुख्य परीक्षा अब तत्काल प्रभाव से स्थगित हो गई है. इससे पूर्व, सोमवार को अदालत में सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिए जाने के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई हुई थी. अदालत ने आयोग से पूछा कि सातवीं जेपीएससी में वर्ग वार कितनी सीटें थीं? प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है या नहीं? कितने आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी सामान्य श्रेणी में चयनित हुए हैं? इन सभी बिंदुओं पर आयोग को जवाब देना था. इसी दौरान मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था.

उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने हाल ही में मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई है.

सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया, “सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में भी आरक्षण दे दिया गया है. इसका न तो विज्ञापन में जिक्र किया गया था और न ही ऐसी नीति राज्य सरकार ने बनाई है, जिसके अनुसार प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ दिया जा सके.”

गुलाम सादिक के मामले में 16 जून 2021 को उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि झारखंड सरकार के अनुसार जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने की कोई नीति नहीं है. वहीं वर्ष 2015 में लक्ष्मण टोप्पो के मामले में भी उच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रारंभिक परीक्षा में झारखंड सरकार की नीति आरक्षण देने की नहीं है.

बहस में सोमवार को प्रार्थी की ओर से कहा गया कि सामान्य वर्ग की 114 सीट थी. नियमानुसार इसके पंद्रह गुना परीक्षार्थियों को सफल घोषित किया जाना चाहिए था. इस तरह सामान्य वर्ग में 1710 अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए था लेकिन मात्र 768 उम्मीदवारों का ही चयन किया गया है. इससे प्रतीत होता है कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है.

अदालत में मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने और प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को रद्द करने का अनुरोध किया गया है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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