IAS officer Simi Karan cracked UPSC exam in first attempt: अपने देश की दो परीक्षाओं की गिनती दुनिया की टॉप 10 कठिन परीक्षाओं में होती है. इनमें एक परीक्षा है जेईई मेन और दूसरी यूपीएससी. आईआईटी जेईई पास करने वाले का देश नहीं विदेश में भी डंका बजता है. देश-दुनिया की टॉप की कंपनियां आईआईटीयन को करोड़ रुपये का पैकेज ऑफर करती हैं, इसके बावजूद यूपीएससी का अपना ही जलवा है. इस परीक्षा ने हर फिल्ड के लोगों को आकर्षित किया है. देश में ऐसे लोगों की लंबी लिस्ट है, जो डॉक्टर बन, एमबी कर, मल्टी नेशनल कंपनियों के बड़े-बड़े ऑफर को ठुकरा कर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में अपना झंडा बुलंद कर चुके हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही आईएएस महिला के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग डिग्री हासिल करने के बाद यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा अपने नाम की.
IAS टीना डाबी से प्रेरणा ले, इस महिला ने रच दिया इतिहास, अपने पहले प्रयास में पास की UPSC परीक्षा
यूपीएससी और आईआईटी दोनों किया क्रैक
यूपीएससी और आईआईटी क्वालीफाई करने वाली उस महिला का नाम आईएएस अधिकारी सिमी करण (IAS officer Simi Karan) जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की है. वह ओडिशा की रहने वाली हैं और भिलाई से स्कूलिंग की है. उनके पिता भिलाई स्टील प्लांट में काम करते थे, जबकि उनकी मां एक शिक्षिका थीं.
आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग
स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद सिमी करण ने आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की. इंजीनियरिंग डिग्री के दौरान उन्होंने झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाया. गरीब बच्चों की स्थिति को देखकर प्रेरणा मिली और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने की ठान ली.
यूपीएससी में 31वीं रैंक के
इसके बाद सिमी ने 2019 में यूपीएससी में 31वीं रैंक के साथ अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास की और महज 22 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बन गईं. आईएएस सिमी करण ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने यूपीएससी के टॉप उम्मीदवारों के साक्षात्कार देखकर तैयारी की.
8-10 घंटे पढ़ाई की
यूपीएससी पास करने के अपने सफलता मंत्र का खुलासा करते हुए सिमी ने कहा कि मैंने कभी पढ़ाई के घंटों पर ध्यान नहीं दिया, बल्कि पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए शॉर्ट टर्म गोल्स निर्धारित किए... इसलिए, शेड्यूल में उतार-चढ़ाव होता रहा लेकिन औसतन, मैंने 8-10 घंटे पढ़ाई की. मैंने हमेशा पढ़ाई की गुणवत्ता पर ध्यान दिया है.
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