चेन्नई में इंजीनियर डिग्री धारकों में बेरोजगारी की स्थिति बेहद खराब है. आलम यह है कि उच्च शिक्षा प्राप्त लोग कोई भी नौकरी करने के लिए तैयार हैं. उनका मकसद इतना ही है है कि वे किसी तरह से वर्किंग क्लास में शामिल हो सकें, जहां नौकरियां बेहद कम हैं और एप्लाई करने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है.
द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई में 1400 उम्मीदवारों ने पार्किंग अटेंडेंट की जॉब के लिए आवेदन किया था. इन उम्मीदवारों में 70 फीसदी से ज्यादा लोग ऐसे थे जिन्होंने ग्रेजुएशन किया है और 50 फीसदी से ज्यादा के पास इजीनियरिंग की डिग्री है. आपको बता दें कि पार्किंग अटेंडेट की जॉब के लिए शैक्षिक योगग्यता SSLC (सेकेंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट ) मांगी गई थी. SSLC सर्टिफिकेट 10वीं पास करने पर मिलता है.
यह भी पढ़ें: चपरासी की 62 वैकेंसी के लिए 93 हजार आवेदन, 3700 पीएचडी धारक भी शामिल
अभी तक पार्किंग अटेंडेंट का काम आर्मी से रिटायर हुए 10वीं पास लोग कर रहे थे, लेकिन अब सोमवार से इंजीनियरिंग डिग्री धारक पार्किंग की व्यवस्था करते हुए नजर आएंगे.
नौकरी के चिंतनीय हालात पर बात करते हुए एक उम्मीदवार ने अखबार से कहा, "मैंने सिविल इंजीनियरिंग की है. रियर एस्टेट इंडस्ट्री के हालात की वजह से मेरे पास नौकरी नहीं है."
आपको बता दें कि पार्किंग अटेंडेंट की नौकरी के लिए लगभग एक हजार लोगों को रखा गया है, जिनमें से ज्यादातर लोग इंजीनियर हैं. यह स्थिति इस बात को बताने के लिए काफी है कि बेरोजगारी के मामले में हालात कितने खराब और नाउम्मीदी से भरे हुए हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं