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Success Story: फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, सृष्टि मिश्रा ने दूसरे अटेम्प्ट में लिखी सफलता की नई कहानी

Success Story: IPS सृष्टि मिश्रा विदेश में पढ़ीं और भारत लौटकर दूसरे ही अटेम्प्ट में यूपीएससी में 95वीं रैंक हासिल की. उनकी मेहनत और सक्सेस स्टोरी हर एस्पिरेंट्स को इंस्पायर करती है. इस आर्टिकल में पढ़िए उन्होंने कैसे तैयारी की और उनकी सफलता का मंत्र क्या है.

Success Story: फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, सृष्टि मिश्रा ने दूसरे अटेम्प्ट में लिखी सफलता की नई कहानी
नई दिल्ली:

UPSC Topper Success Story: यूपीएससी देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. हर साल लाखों स्टूडेंट्स सिविल सर्विसेज का सपना लेकर इस एग्जाम में शामिल होते हैं, लेकिन गिने-चुने ही मंजिल तक पहुंच पाते हैं. इनमें ही एक नाम फरीदाबाद की सृष्टि मिश्रा का आता है, जिन्होंने विदेश में पढ़ाई की, भारत लौटीं और सिर्फ दूसरे ही अटेम्प्ट में सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर कर 95वीं रैंक हासिल की. पढ़िए उनकी सक्सेस स्टोरी..

सृष्टि मिश्रा की फैमिली

सृष्टि मिश्रा यूपीएससी 2023 बैच की IPS अधिकारी हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला है. उनके पिता आदर्श मिश्रा, विदेश मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी हैं और इस समय ब्राजील में पोस्टेड हैं. उनकी मां हाउसवाइफ हैं. पढ़ाई-लिखाई का माहौल घर में शुरू से ही रहा, जिसका असर सृष्टि पर भी देखने को मिलता है.

सृष्टि मिश्रा की पढ़ाई-लिखाई

सृष्टि की शुरुआती पढ़ाई विदेश में ही हुई. उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया। UPSC की तैयारी के लिए वह फरीदाबाद में अपनी मौसी के घर रहने लगीं और वहीं से अपनी जर्नी की शुरुआत की. यहां वह दिन-रात एक करके पढ़ाई करती थीं.

फरीदाबाद से दिल्ली तक का सफर

सृष्टि मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली हैं. वह इस समय फरीदाबाद के सेक्टर 88, अमोलिक सोसाइटी में अपनी मौसी सुनीता पांडेय के साथ रहती थीं. यहीं रहते हुए उन्होंने ग्रेजुएशन और फिर सिविल सर्विसेज की तैयारी की. उनकी तीन मौसियां सुनीता पांडेय, अनीता मिश्रा और सोनी त्रिपाठी और मौसेरे भाई उपेंद्र पांडेय ने उनकी यूपीएससी तैयारी में काफी मदद की.

पहले अटेम्प्ट में प्रीलिम्य भी क्लियर नहीं

पहले प्रयास में सृष्टि प्रीलिम्स परीक्षा तक नहीं पहुंच पाईं, लेकिन उन्होंने अपने हौसले को कम नहीं होने दिया और हार नहीं मानी. इस परीक्षा के रिजल्ट के बाद सृष्टि ने अपनी गलतियों का एनालिसिस किया, कमजोरियों पर काम किया और एक नया स्टडी प्लान बनाया. वह रोज 8 से 10 घंटे पढ़ाई करती थीं. थकान महसूस होती, तो खुद को क्लासिकल डांस और नॉवेल पढ़ने से रिफ्रेश करती थीं. उन्होंने पढ़ाई के साथ उन्होंने खुद को बैलेंस रखा, जो उनकी स्ट्रेंथ रही.

दूसरे प्रयास में 95वीं रैंक

दूसरे प्रयास में उनकी मेहनत का रिजल्ट मिला और सृष्टि ने कमाल कर दिखाया. उन्होंने ऑल इंडिया 95वीं रैंक के साथ UPSC परीक्षा पास की. यह पल उनकी फैमिली, टीचर्स और खुद उनके लिए बेहद खास रहा. वह कहती हैं, 'मेरे पापा का सपना था कि मैं देश और आम लोगों की सेवा करूं. उनकी प्रेरणा ने ही मुझे यहां तक पहुंचाया. सृष्टि मानती हैं कि UPSC की तैयारी में धैर्य, लगन और ईमानदारी ही सक्से

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