भारत में बना पहला स्वदेशी मानव रहित यान (UAV) अगले हफ्ते लोगों की नजरों के सामने उड़ान भरता नजर आएगा. तपस ड्रोन (Tapas BH-201) को बेंगलुरु में होने वाले एयरो इंडिया (Aero India) शो में पहली बार सबके सामने उड़ान भरते हुए दिखाया जाएगा. एयरो इंडिया शो में डीआरडीओ के तपस ड्रोन के साथ ही 180 से ज्यादा विमान उड़ान भरेंगे. तपस करीब 12 हजार फीट से दुश्मन के चॉपर और जेट को ट्रैक कर सकता है.
तपस (TAPAS) का पूरा नाम टेक्टिकल एयरबॉर्न प्लेटफॉर्म फॉर एरियल सर्विलांस बेयॉन्ड होराइजन (Tactical Airborne Platform for Aerial Surveillance-Beyond Horizon) है. इसे डीआरडीओ ने ही बनाया है.
TAPAS ड्रोन केवल सीमाओं पर निगरानी रखने ही नहीं, बल्कि दुश्मनों पर हमला करने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है. 2016 से ही तपस का उत्पादन शुरू किया जा चुका है. हालांकि, इसे अभी तक भारतीय सेना में शामिल नहीं किया गया है. माना जा रहा है कि इस उड़ान के बाद ये भारतीय सेना में जल्द शामिल हो जाएगा.
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— DRDO (@DRDO_India) February 10, 2023
Aerial coverage of Ground and Air display captured from indigenously developed Medium Altitude Long Endurance TAPAS UAV during rehearsal from height of 12000feet today. @PMOIndia @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/VeRfLJdkSE
यह 28 हजार फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे से ज्यादा की उड़ान भर सकता है. तपस एक मीडियम एल्टीट्यूट लॉन्ग-इंड्यूरेंस (MALE) ड्रोन है, जो अमेरिका के MQ-1 प्रीडेटर ड्रोन जैसा ही है. तपस बीएच 201 ड्रोन 350 किलोग्राम के पेलोड के साथ उड़ान भर सकता है. तपस बीएच 201 9.5 मीटर लंबा और 20.6 मीटर चौड़ा है. इसका वजन 1800 किलोग्राम है.
तपस ड्रोन में डीआरडीओ के व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (VRDE) के बनाए स्वदेशी इंजन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इनमें से प्रत्येक इंजन 130 किलोवॉट या 180 हॉर्सपावर की ताकत दे सकता है. यह ड्रोन 1000 किलोमीटर की रेंज में निगरानी और हमला कर सकता है. तपस 224 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है.
तपस अपने आप ही टेकऑफ और लैंड करने की क्षमता रखने वाला ड्रोन है. तपस ड्रोन को पहले रुस्तम-2 के नाम से पुकारा जाता था. जिसकी अधिकतम रफ्तार 224 किलोमीटर प्रतिघंटा थी. 20.6 मीटर के विंग स्पैन वाला तपस ड्रोन लगातार 1000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. तपस ड्रोन दिन और रात दोनों में ही निगरानी के लिए इस्तेमाल हो सकता है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)