सुप्रीम कोर्ट ने NOTA को प्रत्याशी मानने और निर्विरोध चुनाव पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर चुनाव आयोग (Election Commission) को नोटिस जारी किया है. सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है. चुनाव आयोग को ये नोटिस शिव खेडा की याचिका पर जारी किया गया है. दरअसल याचिका मे कहा गया था कि नोटा को भी एक प्रत्याशी माना जाए और अगर नोटा को सर्वाधिक वोट मिलें, तो उस सीट पर दोबारा चुनाव कराया जाए.
निर्विरोध चुनाव पर रोक लगाने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सूरत का भी उदाहरण दिया गया. याचिका में ये भी मांग की गई थी कि किसी भी प्रत्याशी के खिलाफ अगर दूसरा कोई प्रत्याशी पर्चा दाखिल नहीं करता है या पर्चा वापस ले लेता है तो भी इसे निर्विरोध नहीं घोषित किया जाना चाहिए, क्योंकि चुनाव के समय ईवीएम मे नोटा (NOTA) का भी विकल्प है.
NOTA से भी कम वोट मिलने पर चुनाव लड़ने पर रोक की मांग
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका मे मांग की गई थी कि अगर किसी उम्मीदवार को नोटा से भी कम वोट मिलते है तो उसके किसी भी चुनाव लड़ने पर पांच साल तक की रोक लगाई जानी चाहिए. नोटा को भी एक काल्पनिक उम्मीदवार के तौर पर प्रचारित किया जाए जाने की मांग अदालत से की गई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है.
ये भी पढ़ें-आम चुनाव के दूसरे चरण में 11 बजे तक 25 फ़ीसदी मतदान, द्रविड़, थरूर समेत दिग्गजों ने डाला वोट | LIVE UPDATES
ये भी पढ़ें-EVM-VVPAT के 100% सत्यापन से जुड़ी अर्ज़ियां खारिज, SC के दोनों जजों का सहमति से फ़ैसला