आंध्र प्रदेश न्याय देने के मामले में एक करोड़ से अधिक आबादी वाले राज्यों में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है. आंध्र प्रदेश जेलों में प्रति कैदी सालाना दो लाख साठ हजार रुपये से अधिक खर्च करता है. राज्य की जिला अदालतों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व पचास प्रतिशत से अधिक है जो राष्ट्रीय स्तर पर उच्च है.