बिहार लाठीचार्ज की एसआईटी (SIT) जांच की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पटना हाईकोर्ट जाने को कहा. साथ ही पटना हाईकोर्ट से इस मामले पर जल्द सुनवाई को कहा है. इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ली. बिहार में 13 जुलाई को बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर पुलिस लाठीचार्ज में हुई कार्यकर्ता विजय सिंह की मौत की सीबीआई या रिटायर जज की अध्यक्षता में एसआईटी की जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था.
बीजेपी प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज मे कार्यकर्ता की मौत के मामले की रिटायर जज की एस आइटी से जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई शुरू हुई तो जस्टिस सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता के वकील महेश जेठमलानी को पटना हाईकोर्ट जाने को कहा. जेठमलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने ही इसकी सीबीआई जांच के लिए कहा था.
जेठमलानी ने कहा कि घटना के बाद से 30 जुलाई तक मृतक के घर वालों को पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट नहीं मुहैया कराई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट से इस मामले पर जल्द सुनवाई को कहा है. कोर्ट ने ये भी कहा कि याचिका में जो मांग की गई है, उसमें हाईकोर्ट भी निर्देश जारी कर सकता है. इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ली.
दरअसल, बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर पटना के गांधी मैदान से विधानसभा तक मार्च निकालकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को विधानसभा का घेराव करना था
इसी दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव के खिलाफ सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज कर जांच की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में बिहार के डीजीपी, मुख्य सचिव बिहार के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम को बनाया गया. इस याचिका में मामले को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा जांच की भी मांग की गई. एक याचिका में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की इस पूरे मामले में भूमिका की जांच की मांग की भी गई.
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