स्थानीय निकाय चुनाव के लिए OBC आरक्षण मामले में मध्य प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है. सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव में OBC आरक्षण देने की इजाजत दे दी है. मध्यप्रदेश में अब OBC आरक्षण के तहत चुनाव होगा. अदालत ने पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट को मंजूर किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को एक हफ्ते के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी करने को कहा है. कोर्ट ने राज्य सरकार की संशोधन याचिका मंजूर कर ली है और पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट को आधार मानकर पंचायत चुनाव में आरक्षण का आदेश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सिफारिश के आधार पर पंचायत चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करे. पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने ट्रिपल टेस्ट का पालन करते हुए रिपोर्ट पेश की थी.
दरअसल मध्यप्रदेश सरकार ने संशोधन अर्जी दाखिल की थी और सुप्रीम कोर्ट से स्थानीय चुनावों में OBC आरक्षण नहीं देने के 10 मई के आदेश में संशोधन की मांग की थी. कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया था.
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इससे पहले पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण पर मध्यप्रदेश सरकार को झटका लगा था. दस मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण लागू नहीं होगा. कोर्ट ने मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग को 23,263 स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा था.
उच्चतम न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग को दो हफ्ते के भीतर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि OBC आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किये बिना आरक्षण नहीं मिल सकता. कोर्ट ने टिप्पणी की कि OBC को बढ़ावा देने वाली राजनीतिक पार्टियां जनरल सीट पर OBC उम्मीदवार को उतार सकती हैं.
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एससी ने कहा कि निकाय चुनाव नहीं टालने के आदेश बाकी राज्यों पर भी लागू होगा. खाली सीटों पर 5 साल में चुनाव करवाना संवैधानिक ज़रूरत है, इसे किसी भी वजह से टाला नहीं जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि सरकार और चुनाव आयोग स्थानीय निकायों के लिए डी-लिमिटेशन प्रक्रिया और OBC आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट मानदंड को पूरा किये बिना चुनाव नहीं करा सकती है.